Punjab News: पंजाब को खेल में फिर देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए जमीनी जरूरतों को पूरा करती और जमीनी हकीकतों से जुड़ी नयी खेल नीति जल्द लागू की जा रही है। खेल विभाग की तरफ से माहिरों की राय के साथ मसौदा तैयार किया गया है और इसको और कारगार बनाने के लिए आम लोगों से 15 अप्रैल तक सुझाव माँगे गए हैं।
आज यहाँ प्रैस बयान के द्वारा जानकारी देते हुये खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने बताया कि नयी खेल नीति मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से खेल में पंजाब को नंबर एक राज्य बनाने की वचनबद्धता को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की तरफ से ‘लोगों की सरकार, लोगों के लिए सरकार’ के नारे को पूरा करते हुये खेल विभाग की तरफ से भी खेल नीति के लिए लोगों के सुझाव माँगे गए हैं। खिलाड़ी और खेल से जुड़े व्यक्ति 15 अप्रैल, 2023 तक ईमेल पर अपने सुझाव भेज सकते हैं जिससे मसौदे को अंतिम रूप देने से पहले इन सुझावों को खेल नीति में शामिल किया जा सके।
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खेल मंत्री ने आगे बताया कि नयी खेल नीति जमीनी स्तर पर खिलाडियों को अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों के लिए तैयार करने के लिए नकद राशि देने, राष्ट्रीय मुकाबलों के विजेता खिलाडियों का मान-सम्मान, खिलाडियों को नौकरियाँ, कोचों को अवॉर्ड देने और कॉलेजों-यूनिवर्सिटियों के खिलाडियों को मुकाबले का साथी बनाने पर केंद्रित होगी। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा और खेल विभाग का सांझा खेल कैलंडर तैयार किया जायेगा।
जि़क्रयोग्य है कि खेल नीति के लिए बनाई गई माहिरों की कमेटी में स्वर्ण पदक विजेता हॉकी ओलम्पियन और अर्जुन अवार्डी सुरिन्दर सिंह सोढी, मुक्केबाजी के पूर्व चीफ कोच और द्रोणाचार्य अवार्डी गुरबख़श सिंह संधू, पंजाब ओलम्पिक एसोसिएशन के सीनियर मीत प्रधान और पूर्व डी. जी. पी. राजदीप सिंह गिल, गुरू काशी यूनिवर्सिटी तलवंडी साबो के खेल डायरैक्टर डॉ. राज कुमार शर्मा के अलावा स्पोर्टस अथॉरटी ऑफ इंडिया, एन. आई. एस., स्कूल और उच्च शिक्षा विभागों के प्रतिनिधि शामिल किये गए हैं।