पहाड़ी राज्यों के उत्पादों की रही धूमः स्वाद, हस्तकला और संस्कृति का महासंगम बना सरस आजीविका मेला

Saras Aajeevika Mela: सरस मेले के 12वें दिन यहां एसएचजी के उत्पादों के लिए निर्यातकवनियमन और अनुपालन विषय पर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला को इंटरनेशनल ट्रेड कंसलटेंट मानस चुग ने संबोधित किया। उन्होंने बताया कि निरूसंदेह देशभर से यहां आई सभी दीदियों के हस्तनिर्मित उत्पाद बेमिसाल हैं। इन्हें ऐसे ही प्लेटफॉर्म की आवश्यकता है, जहां से ये अपने उत्पादों के लिए निर्यात विनियमन और अनुपालन की उचित जानकारी अर्जित कर सकें। इसके संबंध में उन्होंने दीदियों को विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर यहां राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) के सहायक निदेशक चिरंजीलाल कटारिया, शोध अधिकारी सुधीर कुमार सिंह तथा सुरेश पंसाद के सहित केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय एवं एनआईआरडीपीआर के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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मेले में जहां एक ओर हैंडीक्राफ्ट एवं हैंडलूम के उत्पाद धूम मचा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर देश के पहाड़ी राज्यों के उत्पाद भी लोगों को खासे भा रहे हैं। मंगलवार को सरस मेले के 12वें दिन भी लोगों की खासी भीड़ रही तथा जमकर खरीदारी भी की। सरस आजीविका मेला वास्तव में स्वाद, हस्तकला और संस्कृति का महासेगम बना है। जहां पूरे भारत की संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है। फूडकोर्ट के सब कॉर्डिनेटर विष्णु जीके ने बताया कि इंडिया फूडकोट में देश के सभी राज्यों के स्वादिष्ट एवं प्रचलित व्यंजन उपलब्ध हैं, जिनका लोगों को भरपूर जायका मिल रहा है। एक छत के नीचे पूरे देश के व्यंजनों का स्वाद ही इंडिया फूडकोट की पहचान है। मंगलवार को सरस मेले के 12वें दिन यहां न सिर्फ खासी भीड़ रही, बल्कि लोगों ने जमकर खरीदारी भी की। मनोरंजन के क्षेत्र में भी सरस मेला खासी ख्याति अर्जित कर रहा है। 12वें दिन मंगलवार को यहां ओडिशा के बीना बंसल ग्रुप के कलाकारों ने ओडिशी नृत्य के माध्यम से न सिर्फ समां बांधा बल्कि लोगों का दिल जीत लिया।

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