प्रसव पूर्व जांच और संस्थागत प्रसव को दें बढ़ावा : शंखधर
गाजियाबाद । मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. भवतोष शंखधर ने अपने कार्यालय में नर्स मेंटर्स के साथ बैठक की। सीएमओ ने नर्स मेंटर्स से संबंधित स्वास्थ्य केन्द्रों पर संसाधनों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बैठक में निर्देश दिए हैं कि प्रसव पूर्व जांच बढ़ाने के साथ ही संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने का प्रयास करें। प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) का लाभ हर गर्भवती को मिले। एनीमिक (रक्त की कमी) होने पर चिकित्सक की देखरेख में गर्भवती को आयरन सेल्यूलॉज दें।
सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर ने निर्देश दिए हैं कि आशा कार्यकर्ता से बेहतर सामंजस्य स्थापित कर प्रसव पूर्व जांच पर जोर दें और साथ ही यह सुनिश्चित करें कि अधिक से अधिक प्रसव सरकारी चिकित्सालय में ही हों। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मोदीनगर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी (एमओआईसी) डॉ. कैलाश को सीएमओ ने मौके से ही निर्देश दिए कि रोजाना रात के समय ड्यूटी पर रहने वाली स्टाफ नर्स और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर की जानकारी भेजी जाए।
नर्स मेंटर्स को सीएमओ ने निर्देश दिए हैं कि लेबर रूम में गर्भवती को किसी तरह की परेशानी होने पर तत्काल डयूटी डॉक्टर को रिपोर्ट करें और जरूरत पड़ने पर तत्काल स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ को भी बुलाएं। गर्भवती की देखभाल के मामले में किसी तरह की लापरवाही नहीं होने पाए।
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बैठक में यह रहे मौजूद
इस दौरान एसीएमओ (आरसीएच) डॉ. डीएम सक्सेना, डॉ. चरण सिंह और अर्बन हेल्थ मिशन प्रभारी डा. आरके गुप्ता के अलावा क्वालिटी एश्योरेंस से डा. पूर्वा, डीपीएमयूओ पूजा सक्सेना और मातृ स्वास्थ्य कंसलटेंट जितेंद्र राव के अलावा उत्तर प्रदेश टेक्नीकल सपोर्ट यूनिट (टीएसयू) के कर्मचारी भी मौजूद रहे।
चिन्हित की गईं 230 एचआरपी
सीएमओ डा. भवतोष शंखधर ने बताया कि पीएमएसएमए दिवस पर जिले की सभी स्वास्थ्य इकाइयों पर गर्भवती की प्रसव पूर्व जांच की गईं। इस दौरान कुल 230 हाई रिस्क प्रेगनेंसी (एचआरपी) चिन्हित की गईं। सीएमओ ने नर्स मेंटर्स को निर्देश दिए हैं कि सभी एचआरपी की लगातार मॉनिटरिंग की जाए और प्रसव के समय भी उनके लिए विशेष तैयारी रखी जाए। एक, नौ, 16 और 24 तारीख को पीएमएसएमए के मौके पर केवल आपातकाल में ही छुट्टी लें।