प्री-बजट कंसल्टेशन बैठक आज, सुझावों पर जोर

Micro, Small and Medium Enterprises News: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME) सेक्टर के प्रमुख प्रतिनिधियों की प्री-बजट कंसल्टेशन बैठक आज आयोजित हो रही है। यह बैठक आगामी केंद्रीय बजट 2026-27 की तैयारियों के तहत दूसरी महत्वपूर्ण चर्चा है, जिसमें MSME क्षेत्र के हितधारक अपने सुझाव और मांगें रखेंगे।

MSME सेक्टर, जो भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है, रोजगार सृजन और निर्यात वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज की बैठक में लघु उद्योग भारती, ऑल इंडिया प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन, ऑल इंडिया मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन, गुजरात चैंबर ऑफ स्मॉल इंडस्ट्रीज, फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन ऑफ कॉटेज एंड स्मॉल इंडस्ट्रीज (पश्चिम बंगाल) और फेडरेशन ऑफ आंध्र प्रदेश स्मॉल एंड मीडियम इंडस्ट्रीज एसोसिएशन जैसे संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।

पिछली प्री-बजट बैठकों के अनुभव से प्रेरित होकर, MSME प्रतिनिधियों ने संकेत दिया है कि वे टेक्नोलॉजी अपग्रेड, कौशल विकास में अंतर को पाटने, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के विस्तार, जीएसटी दरों में कमी और इंडस्ट्री 4.0 के अनुरूप नवाचारों पर फोकस करने जैसे मुद्दों पर जोर देंगे। लघु उद्योग भारती के ऑल इंडिया जनरल सेक्रेटरी ओम प्रकाश गुप्ता ने कहा, “बैठक में टेक्नोलॉजी स्पेस और कौशल विकास में गैप का मुद्दा प्रमुखता से उठाया जाएगा।” इसी तरह, फेडरेशन ऑफ आंध्र प्रदेश स्मॉल एंड मीडियम इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रेसिडेंट ईपीपीसी राव ने बताया, “MSMEs भारत की रीढ़ हैं। हमें मजबूत करने के लिए टेक्नोलॉजी अपग्रेड और जीएसटी में राहत की आवश्यकता है।”

वित्त मंत्रालय की ओर से आयोजित यह सीरीज प्री-बजट परामर्श का हिस्सा है। हाल ही में 10 नवंबर को वित्त मंत्री ने प्रमुख अर्थशास्त्रियों और किसान संगठनों के साथ पहली दो बैठकें की थीं, जहां अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति, महंगाई नियंत्रण, विकास दर, राजकोषीय घाटा और रोजगार सृजन जैसे विषयों पर चर्चा हुई। मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन सहित वरिष्ठ अधिकारी भी इन बैठकों में मौजूद रहते हैं।

MSME सेक्टर के लिए पिछला बजट (2025-26) में क्रेडिट गारंटी कवर पर राहत, सूक्ष्म उद्यमियों के लिए क्रेडिट कार्ड सुविधा और उद्यम पोर्टल पर पंजीकरण को सरल बनाने जैसे कदम उठाए गए थे। उम्मीद है कि आज की बैठक में इन योजनाओं के विस्तार और नई चुनौतियों जैसे डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन व ग्लोबल सप्लाई चेन एकीकरण पर सकारात्मक सुझाव सामने आएंगे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्व बैठकों में कहा था कि बजट प्रक्रिया में सभी हितधारकों के इनपुट को महत्व दिया जाता है, ताकि समावेशी विकास सुनिश्चित हो सके। यह बैठक MSME क्षेत्र को मजबूत बनाने और आर्थिक वृद्धि को गति देने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।

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