Bihar Assembly Elections : जन सुराज पार्टी (JSP) के संस्थापक और रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बुधवार को बड़ा ऐलान किया कि वह आगामी बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पार्टी और राज्य के व्यापक हित को ध्यान में रखकर लिया गया है।
प्रशांत किशोर ने राघोपुर सीट के मामले में स्पष्ट किया कि तेजस्वी यादव के खिलाफ उनकी पार्टी ने किसी और उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। पीके ने बताया कि अगर वे चुनाव में भाग लेते, तो पार्टी के जरूरी संगठनात्मक कार्य प्रभावित होते।
Bihar Assembly Elections :
भ्रष्टाचार पर कड़ा कदम, सरकार बनने के एक महीने में कानून का वादा
प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज पार्टी बिहार को भू-माफिया, बालू माफिया और भ्रष्ट अफसरों से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए पार्टी ने छह बड़े वादे किए हैं, जिनमें फर्जी शराबबंदी नीति को समाप्त करना शामिल है।
पीके ने कहा कि सरकार बनने के एक महीने के भीतर 100 सबसे भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों की पहचान के लिए कानून बनाया जाएगा। इन लोगों पर मुकदमा चलाकर उनकी अवैध संपत्ति जब्त की जाएगी और राज्य के विकास कार्यों में उपयोग की जाएगी।
जीत या हार: साफ संदेश
अपनी पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर बात करते हुए 48 वर्षीय प्रशांत किशोर ने कहा, “हम या तो भारी जीत दर्ज करेंगे या पूरी तरह हार जाएंगे। हमें या तो 10 से कम सीटें मिलेंगी या 150 से ज्यादा। बीच का कोई रास्ता नहीं है।”
उन्होंने त्रिशंकु विधानसभा की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि अगर जनता ने पर्याप्त भरोसा नहीं जताया, तो भी उनकी पार्टी सड़क और समाज की राजनीति को आगे बढ़ाती रहेगी।
एनडीए की हार तय, नीतीश कुमार फिर नहीं बनेंगे मुख्यमंत्री
प्रशांत किशोर ने दावा किया कि बिहार में सत्ताधारी एनडीए की हार तय है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब सत्ता में वापस नहीं लौटेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन में सीटों और उम्मीदवारों को लेकर असमंजस साफ तौर पर दिख रहा है।
पीके ने पिछली विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए कहा कि चिराग पासवान की बगावत और जदयू की सीटों में कमी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस बार एनडीए की स्थिति मजबूत नहीं है।
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