Pollution control in Noida-Greater Noida: दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण GRAP (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) के सख्त नियम लागू हैं। नोएडा अथॉरिटी के सीईओ लोकेश एम. के निर्देश पर सभी गैर-आवश्यक निर्माण और डेमोलिशन कार्यों पर रोक लगा दी गई है। फिर भी, सेक्टर-26 और ग्रेटर नोएडा वेस्ट (गौर चौक क्षेत्र) में बन रहे अंडरपास का काम जारी होने की शिकायतें सामने आ रही हैं, जिससे स्थानीय निवासियों में गुस्सा है।
GRAP नियमों के तहत सख्ती
दिल्ली-एनसीआर का AQI ‘सीवियर’ कैटेगरी में पहुंचने के बाद CAQM (कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट) ने GRAP स्टेज-3 और 4 के नियम लागू किए हैं। नोएडा अथॉरिटी ने सभी प्राइवेट और पब्लिक निर्माण कार्यों (मेट्रो, अस्पताल और फ्लाईओवर को छोड़कर) पर तत्काल रोक लगा दी है। रेडी-मिक्स कंक्रीट प्लांट, स्टोन क्रशर और डेमोलिशन पर भी बैन है। अथॉरिटी ने 14 टीमें गठित की हैं जो उल्लंघन पर जुर्माना लगा रही हैं।
अंडरपास कार्य क्यों जारी?
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के व्यस्त गौर चौक (चार मूर्ति चौक) पर 92 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा सिक्स-लेन अंडरपास ट्रैफिक जाम कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। यह 700 मीटर लंबा अंडरपास ताज हाईवे के समानांतर बन रहा है, जो ग्रेटर नोएडा को गौर सिटी और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे से सीधा जोड़ेगा। काम जून 2025 से शुरू हुआ और 18 महीनों में पूरा होने की उम्मीद है।
नोएडा सेक्टर-26 क्षेत्र में भी दिनदहाड़े निर्माण कार्य जारी है और अथॉरिटी धृतराष्ट्र की तरह अंधी बैठी है, फ्लाईओवर और प्रमुख रोड प्रोजेक्ट्स को कुछ छूट मिलती है, लेकिन निवासियों का कहना है कि धूल नियंत्रण के नियमों (जैसे पानी छिड़काव, कवरिंग) का पालन नहीं हो रहा, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है।
निवासियों की शिकायतें
स्थानीय लोग कह रहे हैं कि निर्माण से उठ रही धूल और स्मॉग स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रहा है। “निर्माण रोक का आदेश है, लेकिन गौर चौक और सेक्टर-26 में काम रुका नहीं। धूल से सांस की तकलीफ हो रही है,” एक निवासी ने कहा। पहले भी GRAP उल्लंघनों की शिकायतें आई हैं, जहां अथॉरिटी के कुछ प्रोजेक्ट्स जारी रहे।
नोएडा अथॉरिटी ने कहा कि आवश्यक सार्वजनिक प्रोजेक्ट्स पर छूट है, लेकिन सख्ती से धूल नियंत्रण सुनिश्चित किया जा रहा है। उल्लंघन पर लाखों का जुर्माना लगाया जा चुका है। IMD के अनुसार, कोहरे और प्रदूषण से राहत फिलहाल नहीं है। निवासी अथॉरिटी से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

