बांग्लादेश में राजनीतिक हिंसा चरम पर: बांग्लादेश में 2024 के छात्र आंदोलन के प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद देश भर में भड़की हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। हादी की मौत के बाद उपजे प्रदर्शनों के बीच सोमवार को खुलना में नेशनल सिटिजंस पार्टी (एनसीपी) के श्रमिक संगठन के वरिष्ठ नेता मोतलब सिकदर को भी सिर में गोली मार दी गई। यह इस महीने की दूसरी बड़ी गोलीबारी की घटना है, जिसने बांग्लादेश की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शरीफ उस्मान हादी (32 वर्ष) इंकिलाब मंच के प्रवक्ता थे और 2024 के छात्र-जनित विद्रोह में प्रमुख भूमिका निभाई थी। वे भारत की बांग्लादेश की घरेलू राजनीति में भूमिका की कड़ी आलोचना करते थे और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में शरण लेने का विरोध करते थे। 12 दिसंबर को ढाका में मोटरसाइकिल सवार दो हमलावरों ने उन्हें सिर में गोली मार दी थी। गंभीर चोट लगने के बाद उन्हें सिंगापुर ले जाया गया, जहां 18-19 दिसंबर को उनका निधन हो गया।
हादी की मौत की खबर फैलते ही देश भर में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए। ढाका के शाहबाग चौराहे सहित कई शहरों में हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और हत्यारों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने भारत-समर्थक माने जाने वाले कुछ मीडिया हाउस पर हमले किए और भारत विरोधी नारे लगाए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि हमलावर भारत भाग गए हैं।
अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने हादी के जनाजे में हिस्सा लिया और जहाँ उन्हें “शहीद” करार दिया। यूनुस ने कहा, “प्रिय हादी, हम यहां तुम्हें अलविदा कहने नहीं आए हैं। तुम हमारे दिलों में हो और जब तक बांग्लादेश रहेगा, तुम बांग्लादेशियों के दिलों में रहोगे।” उन्होंने हादी के आदर्शों को पूरा करने का वादा किया और कहा कि उनकी मौत देश की लोकतंत्र यात्रा को रोक नहीं सकती। सरकार ने हादी की मौत पर राजकीय शोक घोषित किया, विशेष प्रार्थनाएं आयोजित कीं और शांति बनाए रखने की अपील की।
इसी बीच सोमवार को खुलना के सोनादंगा इलाके में एनसीपी के श्रमिक शक्ति के केंद्रीय आयोजक और खुलना संभाग संयोजक मोतलब सिकदर (42 वर्ष) पर अज्ञात हमलावरों ने गोली चलाई। वे पार्टी की आगामी श्रमिक रैली की तैयारी कर रहे थे। सिकदर को सिर में गोली लगी और उन्हें खुलना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
भारतीय अधिकारियों की ओर से हादी की हत्या या इससे जुड़ी हिंसा पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, घटनाओं ने बांग्लादेश में भारत-विरोधी भावनाओं को और बढ़ा दिया है, जहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने भारत पर दखलअंदाजी के आरोप लगाए हैं। दोनों देशों के बीच पहले से तनावपूर्ण संबंधों में यह घटना नया आयाम जोड़ रही है।
आगामी चुनावों से पहले बांग्लादेश में बढ़ती राजनीतिक हिंसा ने कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता बढ़ा दी है। पुलिस ने हादी की हत्या के संदिग्धों की तलाश तेज कर दी है और उनके ऊपर इनाम की घोषणा की है।

