Political uproar over Rahul Gandhi’s visit to Germany: शीतकालीन सत्र के बीच विदेश यात्रा, बीजेपी का तीखा प्रहार, कांग्रेस का पलटवार

Political uproar over Rahul Gandhi’s visit to Germany: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के आगामी जर्मनी दौरे ने राजनीतिक हलकों में हंगामा मचा दिया है। शीतकालीन सत्र के बीच में प्रस्तावित यह छह दिवसीय यात्रा सत्ता पक्ष भाजपा के निशाने पर आ गई है, जबकि कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं का हवाला देकर जवाब दिया है। संसद के दोनों सदनों में इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है, हालांकि राज्यसभा में अभी तक कोई बड़ा हंगामा नहीं हुआ, लेकिन लोकसभा में विपक्ष की अनुपस्थिति को लेकर सवाल उठ उठने लगे हैं।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस (आईओसी) के अनुसार, राहुल गांधी 15 से 20 दिसंबर तक जर्मनी का दौरा करेंगे। इस दौरान वे बर्लिन में 17 दिसंबर को भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ संवाद करेंगे और जर्मन सरकार के मंत्रियों व सांसदों से मुलाकात करेंगे। आईओसी जर्मनी के अध्यक्ष बलविंदर सिंह ने बताया कि यह यात्रा भारत की वैश्विक भूमिका को मजबूत करने और विदेश में बसे भारतीयों की समस्याओं पर चर्चा का मंच बनेगी। उनके साथ आईओसी के अध्यक्ष सैम पित्रोदा भी होंगे। यह दौरा पार्टी के वैश्विक आउटरीच अभियान का हिस्सा है, जहां राहुल गांधी यूरोपीय देशों से आए कांग्रेस समर्थकों से विचार-विमर्श करेंगे।

हालांकि, संसद का शीतकालीन सत्र 19 दिसंबर तक चलना है, जिसके बीच में राहुल की अनुपस्थिति ने भाजपा को मौका दे दिया है। भाजपा ने इसे “गैरजिम्मेदाराना” बताते हुए राहुल पर तीखे हमले किए हैं। पार्टी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोशल मीडिया पर तंज कसते हुए कहा, “विदेश नायक वही कर रहे हैं जो वे सबसे अच्छा करते हैं—विदेश जाना। LoP का मतलब अब लीडर ऑफ पर्यटन हो गया है। संसद चल रही है, लेकिन राहुल गांधी का वैकेशन मोड चल रहा है।” उन्होंने सवाल उठाया कि बिहार चुनाव के दौरान भी राहुल विदेश में थे, और अब सत्र के बीच में फिर क्यों?

भाजपा सांसद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी कहा, “राहुल गांधी जब भी संसद सत्र होता है, तब ज्यादातर समय विदेश में बिताते हैं। बाद में शिकायत करते हैं कि बोलने का मौका नहीं मिला। वे पार्ट-टाइम, नॉन-सीरियस लीडर हैं।” सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने लोकसभा में कहा, “ये कोई नई बात नहीं। सदन चल रहा होता है और राहुल विदेश यात्रा पर होते हैं। इससे उनकी प्राथमिकताएं साफ झलकती हैं।” अभिनेत्री से सांसद बनी कंगना रनौत ने संसद परिसर में राहुल पर विवादित टिप्पणी की, “मैं उनके दौरे की खबरें नहीं पढ़तीं, क्योंकि वे बेकार लगती हैं। उनके चरित्र में कोई ताकत नहीं, इसलिए कुछ कहना उचित नहीं।” तेजस्वी सूर्या जैसे युवा सांसदों ने भी सोशल मीडिया पर निशाना साधा।

लोकसभा में आज जब प्रधानमंत्री मोदी ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने पर सदन को संबोधित कर रहे थे, तब राहुल की अनुपस्थिति पर भाजपा सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “पीएम सदन को प्रेरित कर रहे थे, लेकिन विपक्ष के नेता बर्लिन की यात्रा की तैयारी में व्यस्त थे।” इससे सदन में हल्का हंगामा हुआ, लेकिन कोई स्थगन नहीं हुआ। विपक्ष ने इसे भाजपा का “तुच्छ राजनीतिकरण” बताया। राज्यसभा में इस मुद्दे पर अभी कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, “अगर पीएम सत्र के दौरान विदेश जा सकते हैं, तो विपक्ष के नेता पर क्या दिक्कत? यह दोहरा मापदंड है।”

कांग्रेस ने तुरंत पलटवार किया। महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “प्रधानमंत्री अपना आधा कामकाजी समय विदेश यात्राओं में बिताते हैं, फिर राहुल पर सवाल क्यों? मोदी जी की 94 विदेश यात्राओं में से 85% संसद सत्र के दौरान ही हुईं, जैसे पुलवामा हमले के बाद दक्षिण कोरिया या कोविड के समय सिडनी।” सुप्रिया श्रीनाते ने एक्स पर लिस्ट साझा की, जिसमें मोदी की सत्र-कालीन यात्राओं का जिक्र है—जैसे 2014 में नेपाल, 2015 में फ्रांस-यूके, 2020 में अमेरिका। उन्होंने मणिपुर हिंसा या पहलगाम हमले के समय की यात्राओं का भी उल्लेख किया।

एक्स (पूर्व ट्विटर) पर भी बहस तेज है। विपक्ष समर्थक इसे “कूटनीतिक प्रयास” बता रहे हैं, जबकि भाजपा समर्थक “विपक्ष की लापरवाही” कहकर आलोचना कर रहे। एक यूजर ने लिखा, “राहुल विदेश जाकर भारत की बुराई करते हैं, जबकि पीएम निवेश लाते हैं।” एक अन्य ने कहा, “संसद सत्र छोड़कर घूमना विपक्ष की कमजोरी दिखाता है।”

यह विवाद शीतकालीन सत्र को और गर्म करने वाला है, जहां पहले से ही चुनाव आयोग, मणिपुर हिंसा और आर्थिक मुद्दों पर तनाव जारी है। राहुल के दौरे से विपक्ष की एकजुटता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं, खासकर जब तेजस्वी यादव भी यूरोप दौरे पर हैं। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह मुद्दा अगले कुछ दिनों तक सियासी हथियार बना रहेगा। क्या राहुल दौरा रद्द करेंगे या भाजपा का हमला और तेज होगा? आने वाले दिन बताएंगे।

यहां से शेयर करें