बिहार राजनीति में चला सियासी तीर, ‘9वीं फेल’ तेजस्वी पर प्रशांत किशोर का तंज, जनता की राय बंटी

Political arrows fired in Bihar politics News: बिहार की सियासी गलियारों में एक बार फिर शिक्षा और योग्यता का मुद्दा गरमाया है। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव पर तीखा प्रहार किया है। किशोर ने कहा कि लालू प्रसाद यादव अपने “9वीं फेल” बेटे को बिहार का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, जो न केवल परिवारवाद की मिसाल है बल्कि राज्य के भविष्य के लिए खतरा भी। इस बयान ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया है, जहां कुछ लोग इसे सच्चाई का आईना बता रहे हैं तो कुछ तेजस्वी के समर्थक इसे व्यक्तिगत हमला करार दे रहे हैं।

प्रशांत किशोर ने रोहतास और मधेपुरा में अपनी ‘बदलाव यात्रा’ के दौरान यह तंज कसा। उन्होंने कहा, “लालू जी 9वीं कक्षा में फेल हो चुके बेटे को बिहार का राजा बनाना चाहते हैं। क्या बिहार के युवा इतने अयोग्य उम्मीदवार को स्वीकार करेंगे?” किशोर का यह बयान बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले आया है, जब आरजेडी और महागठबंधन तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बता रहा है। किशोर ने युवाओं से अपील की कि वे बेरोजगारी और शिक्षा जैसे मुद्दों पर वोट दें, न कि “परिवारवाद” पर।

भाजपा ने भी इस मुद्दे को हाथोंहाथ लिया है। पार्टी के प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा, “तेजस्वी का नाम तेजस्वी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे तेज-तर्रार हैं। 9वीं फेल की बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।” भाजपा ने तेजस्वी पर डबल इंजन सरकार के आरोपों को खारिज करते हुए विकास और बेरोजगारी पर सवाल उठाए। एक वीडियो में ग्रेजुएट बिहारी युवा ने भी तेजस्वी पर तंज कसा, “9वीं फेल को चपरासी बनने लायक भी नहीं समझा जाता।”

दूसरी ओर, तेजस्वी यादव ने इन हमलों का जवाब देते हुए कहा कि विरोधी शिक्षा पर अटके रहें, जबकि वे रोजगार और विकास पर फोकस कर रहे हैं। टीवी9 के सत्ता सम्मेलन में तेजस्वी ने किशोर पर पलटवार किया, “मेरी शिक्षा पर सवाल उठाने वाले खुद बिहार की समस्याओं का समाधान नहीं दे पा रहे।” आरजेडी समर्थक प्रतिक पटेल ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर कहा, “भाजपा के पास मुद्दा ही नहीं, वे सिर्फ व्यक्तिगत हमले कर रहे हैं।” तेजस्वी के समर्थकों का मानना है कि यह हमला जातिगत और राजनीतिक साजिश है।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यह विवाद तेजी से फैल रहा है। एक वायरल पोस्ट में यूजर ने लिखा, “9वीं फेल तेजस्वी चपरासी बनने लायक भी नहीं!” जो प्रशांत किशोर के डिजिटल वाहिनी से जुड़ा हुआ है। एक अन्य पोस्ट में यूजर ने सरस्वती पूजा के दौरान तेजस्वी द्वारा कलम गिराने का वीडियो शेयर कर तंज कसा, “कलम को सड़क पर फेंक दिया, जो बिहार में पूजनीय है।” हालांकि, समर्थकों ने काउंटर पोस्ट में कहा, “तेजस्वी लाख पढ़े-लिखों से बेहतर हैं क्योंकि वे सही-गलत का फर्क जानते हैं।” एक पोस्ट में लिखा गया, “तेजस्वी ने अकेले भाजपा की दाल गलने से रोक दी।”

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद चुनावी माहौल को और गर्म कर देगा। न्यूज18 की रिपोर्ट के अनुसार, तेजस्वी का “9वीं फेल” टैग 2025 चुनाव में एक बड़ा हथियार बन सकता है, लेकिन युवा मतदाता मुद्दों पर ज्यादा फोकस करेंगे। बिहार की जनता की राय बंटी हुई है—कुछ इसे अपमानजनक मानते हैं तो कुछ योग्यता का सवाल। आने वाले दिनों में यह बहस और तेज हो सकती है।

यह भी पढ़ें: नवरात्रि के पहले दिन कटरा में माता वैष्णो देवी पर भक्तों का सैलाब, उत्साह और श्रद्धा का दिखा संगम

यहां से शेयर करें