घोटाले की जड़ें अक्टूबर 2024 में मिलीं, जब पुलिस को एक शिकायत मिली कि एक आरोपी को सरकारी नौकरी का लालच देकर लाखों रुपये वसूले गए। इसके बाद राज्य भर में ऐसी शिकायतें उमड़ीं और दिसंबर 2024 तक कम से कम 33 एफआईआर दर्ज हो चुकी थीं। सैकड़ों युवाओं ने मध्यस्थों को लाखों-करोड़ों रुपये दिए, लेकिन नौकरी का भंसा न छूटा।
शुरुआती जांच में पुलिस ने राजनीतिक कनेक्शन या संगठित गिरोह की संभावना से इनकार किया था, दावा किया कि आरोपी सिर्फ राजनेताओं के नाम का सहारा लेकर लोगों को ठग रहे थे।
लेकिन अब पूजा नाइक, जो पिछले साल गिरफ्तार हो चुकी हैं और जमानत पर बाहर हैं, ने एक स्थानीय न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में बम फोड़ दिया। 7 नवंबर को प्रसारित वीडियो में उन्होंने दावा किया कि उन्होंने 600 से अधिक नौकरी चाहने वालों से करीब 17 करोड़ रुपये इकट्ठा किए और उन्हें मंत्री, आईएएस अधिकारी व पीडब्ल्यूडी इंजीनियर को सौंप दिए।
पणजी के पोरवरिम स्थित उनके कार्यालयों और सचिवालय तक नकद रकम पहुंचाई गई, लेकिन न तो नौकरियां मिलीं और न ही पैसे लौटे। नाइक ने कहा, “मैंने सब कुछ बेचकर पीड़ितों को पैसे लौटाने की कोशिश की, लेकिन मुख्य आरोपी कुछ नहीं लौटा रहे। 24 घंटे में पैसा न लौटा तो मैं मुख्यमंत्री से मिलूंगी और नाम खोल दूंगी।”
इसके बाद 9 नवंबर को क्राइम ब्रांच ने नाइक को रिबंदर स्थित कार्यालय में 5 घंटे से ज्यादा पूछताछ की। सोमवार को बिचोलिम पुलिस ने भी उन्हें तलब किया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “पूछताछ में उन्होंने कुछ नाम बताए हैं। हम सतर्कता विभाग को पत्र लिखकर सरकारी अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू करवाएंगे। मंजूरी मिलने पर कानूनी कार्रवाई होगी।” मुख्यमंत्री सावंत ने रविवार को कहा, “चाहे मंत्री हो या अधिकारी, दोषी पाए जाने पर कोई बख्शा नहीं जाएगा। बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज करवाएं, मीडिया के जरिए बयानबाजी न करें।” उन्होंने नई एफआईआर दर्ज करने का ऐलान किया और जांच को गहन बनाने के निर्देश दिए।
विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। विधानसभा में विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ ने कहा, “पुलिस पर भरोसा नहीं, क्योंकि मंत्री और सत्ता के लोग ही आरोपी हैं। न्यायिक जांच जरूरी है ताकि गोवा के युवाओं को इंसाफ मिले।” गोवा फॉरवर्ड पार्टी के अध्यक्ष विजय सरदेसाई ने इसे “आंखों में धूल झोंकने वाली जांच” बताया, “नाइक ने एक साल पहले नाम बताए थे, लेकिन चार्जशीट में गायब हैं। भाजपा सरकार नौकरियां बेच रही है और युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रही है।” आप गोवा के अध्यक्ष अमित पालेकर ने भी गहन जांच की मांग की, जबकि पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री नीलेश काब्राल ने नाइक से नाम सार्वजनिक करने को कहा।
घोटाले ने गोवा की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पीड़ितों का कहना है कि मध्यस्थों ने विभिन्न विभागों में नौकरियों का लालच दिया, लेकिन सब व्यर्थ गया। पुलिस ने अब तक कई गिरफ्तारियां की हैं, लेकिन नाइक के नए खुलासे से मामला गरमा गया है। सतर्कता विभाग की रिपोर्ट का इंतजार है, जो तय करेगी कि क्या बड़े चेहरे जेल की हवा खाएंगे।

