पीएनबी ने 26 दिसंबर को बाजार बंद होने के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को यह धोखाधड़ी की सूचना दी। यह मामला कोलकाता स्थित SREI ग्रुप की दो कंपनियों – SREI Equipment Finance Ltd (SEFL) और SREI Infrastructure Finance Ltd (SIFL) के पूर्व प्रमोटर्स से जुड़ा है। बैंक के अनुसार, SEFL में 1,240.94 करोड़ रुपये और SIFL में 1,193.06 करोड़ रुपये की borrowing fraud हुई है।
फोरेंसिक ऑडिट (जिसमें KPMG जैसी फर्म शामिल थीं) में अनियमितताएं सामने आईं, जैसे फंड्स का दुरुपयोग, संबंधित पार्टियों को ट्रांसफर और लोन को एवरग्रीनिंग (पुराने लोन को नए से बदलकर NPA छिपाना)।
हालांकि, पीएनबी ने स्पष्ट किया है कि दोनों कंपनियों के एक्सपोजर पर 100% प्रोविजन पहले ही कर लिया गया है, इसलिए बैंक की बैलेंस शीट पर कोई नया वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ेगा। ये कंपनियां 2021 से इनसॉल्वेंसी प्रक्रिया में हैं और 2023-24 में नेशनल एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड (NARCL) ने इन्हें अधिग्रहृत कर लिया है।
शेयरों पर असर
आज सुबह पीएनबी के शेयर 3.1% तक गिरकर 116.60 रुपये तक पहुंच गए, हालांकि बाद में कुछ रिकवरी देखी गई। निवेशक इस खुलासे से सतर्क हैं, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि प्रोविजनिंग पहले हो चुकी होने से लंबे समय में बड़ा असर नहीं होगा।
यह खुलासा SREI ग्रुप की पुरानी समस्याओं से जुड़ा है, जिस पर कुल 32,700 करोड़ रुपये का कर्ज था। अन्य बैंक जैसे बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने भी पहले SREI से जुड़ी धोखाधड़ी रिपोर्ट की थी।
पीएनबी की ओर से कहा गया है कि यह रिपोर्टिंग रेगुलेटरी जरूरतों के तहत की गई है। बैंक की हालिया तिमाही में नेट प्रॉफिट 14% बढ़कर 4,904 करोड़ रुपये हो गया था, जो इसकी मजबूत स्थिति दर्शा रहा है।
यह मामला जांच एजेंसियों जैसे CBI या ED के लिए आगे बढ़ सकता है, जैसा कि अन्य इनसॉल्वेंसी मामलों में होता रहा है। निवेशकों को सलाह है कि बाजार की गतिविधियों पर नजर रखें।

