PMAY News: प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत गरीब और जरूरतमंद परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन इस योजना में कुछ लाभार्थियों की लापरवाही सामने आई है। हालिया जानकारी के अनुसार, 413 लाभुकों ने सरकार से वित्तीय सहायता प्राप्त करने के बावजूद अपने घरों का निर्माण शुरू नहीं किया है। अब सरकार इन लाभार्थियों से दी गई राशि की वसूली करने की तैयारी में है।
लापरवाही का खुलासा, वसूली की प्रक्रिया शुरू
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) और शहरी (PMAY-U) के तहत लाभार्थियों को पक्का मकान बनाने के लिए 1.20 लाख से 2.50 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जो तीन किस्तों में दी जाती है। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से लाभार्थियों के आधार से जुड़े बैंक खातों में भेजी जाती है। हालांकि, जांच में पाया गया कि 413 लाभार्थियों ने इस राशि का उपयोग घर बनाने के लिए नहीं किया। इस लापरवाही के चलते ग्रामीण विकास विभाग और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, इन लाभार्थियों को पहले नोटिस जारी की गई थी, जिसमें उन्हें घर निर्माण शुरू करने के लिए समय दिया गया था। लेकिन, निर्धारित समय में निर्माण कार्य शुरू न होने के कारण अब इनके खिलाफ नीलाम पत्र वाद दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ग्रामीण विकास विभाग ने संबंधित अंचल अधिकारियों (सीओ) को इन लाभार्थियों से राशि वसूली की जिम्मेदारी सौंपी है।
क्यों हुई लापरवाही?
जांच में सामने आया कि कुछ लाभार्थियों ने निजी कारणों, जैसे आर्थिक तंगी, जमीन की कमी, या अन्य प्राथमिकताओं के चलते घर निर्माण कार्य को प्रारंभ नहीं किया। कुछ मामलों में, लाभार्थियों ने गलत जानकारी देकर योजना का लाभ लिया, जिसे अब सरकार ने गंभीरता से लिया है। ग्रामीण विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि योजना के तहत राशि का दुरुपयोग रोकने के लिए सख्त निगरानी की जा रही है, और भविष्य में ऐसी लापरवाही को रोकने के लिए और कड़े नियम लागू किए जा सकते हैं।
योजना का उद्देश्य और प्रगति
प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत 25 जून 2015 को हुई थी, जिसका लक्ष्य 2029 तक सभी पात्र परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराना है। PMAY-G और PMAY-U के तहत अब तक लाखों परिवारों को घर उपलब्ध कराए गए हैं। हाल ही में, PMAY 2.0 के तहत 1 करोड़ नए घर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। योजना के तहत लाभार्थियों को न केवल वित्तीय सहायता दी जाती है, बल्कि स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, और सौभाग्य योजना जैसी अन्य योजनाओं के साथ जोड़कर बुनियादी सुविधाएं जैसे शौचालय, बिजली, और गैस कनेक्शन भी सुनिश्चित किए जाते हैं।
सरकार की चेतावनी
ग्रामीण विकास विभाग ने स्पष्ट किया है कि योजना का लाभ केवल पात्र और जरूरतमंद परिवारों के लिए है। जिन लाभार्थियों ने राशि लेकर भी निर्माण कार्य शुरू नहीं किया, उनके खिलाफ न केवल राशि वसूली होगी, बल्कि भविष्य में उन्हें किसी भी सरकारी आवास योजना का लाभ लेने से वंचित किया जा सकता है। इसके लिए ग्राम पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों को भी नियमित निगरानी और सत्यापन का निर्देश दिया गया है।
आगे की राह
सरकार ने PMAY 2.0 के तहत नए सिरे से सर्वे शुरू किया है, ताकि छूटे हुए पात्र परिवारों को योजना का लाभ दिया जा सके। साथ ही, पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल्स जैसे pmayg.nic.in और pmayuclap.gov.in पर लाभार्थी अपने आवेदन की स्थिति और सूची की जांच कर सकते हैं।
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