प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोधरा कांड को याद करते हुए कई लमहों को साझा किया। उन्होंने कहा कि 24 फरवरी 2002 को मैं पहली बार विधायक बना और 27 फरवरी को मैं गुजरात विधानसभा गया। मैं तीन दिन पुराना विधायक था जब गोधरा में ऐसी घटना हुई। हमें सबसे पहले ट्रेन में आग लगने की खबरें मिलीं, फिर धीरे-धीरे हमें हताहतों लोगों की खबरें मिलीं। मैं सदन में था और मैं चिंतित था।
दरअसल, पीएम नरेन्द्र मोदी ने जीरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ की पीपल बाय डब्ल्यूटीएफ सीरीज पर अपना पॉडकास्ट डेब्यू पर बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि गलतियां होती हैं और उनसे भी गलतियां होने की संभावना रहती है। प्रधानमंत्री मोदी ने कामथ से कहा, ‘गलतियां होती हैं और मैं भी कुछ गलतियां कर सकता हूं। मैं भी इंसान हूं, भगवान नहीं। पीएम मोदी ने इसके अलावा यह भी बताया जब वह पहली बार पीएम बने थे तो चीन के राष्ट्रपति ने भारत आने की इच्छा जाहिर की थी।
प्रधानमंत्री ने पॉडकास्ट में कहा, ‘2014 में जब मैं प्रधानमंत्री बना तो स्वाभाविक है कि दुनिया के नेता कॉल करते हैं। इसी दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भी कॉल आया। उन्होंने मुझे शुभकानाएं दी। शी ने खुद सामने से कहा कि मैं भारत आना चाहता हूं। तो मैने कहा कि आपका बिल्कुल स्वागत है। आप जरूर आइए। लेकिन मैं गुजरात जाना चाहता हूं। मैंने कहा कि ये तो बहुत ही अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि मैं तुम्हारे गांव जाना चाहता हूं। मैंने बोला कि क्या बात है। आपने एक दम से इतना लंबा कार्यक्रम बना दिया है। उन्होंने पूछा कि आपको मालूम है कि क्यों तो मैंने कहा कि नहीं। फिर बोले कि मेरा और तुम्हारा एक स्पेशल नाता है। मैंने पूछा क्या। चीनी दार्शनिक ह्वेन त्सांग वो सबसे ज्यादा तुम्हारे गांव में रूका था। लेकिन जब वह वापस चीन आया तो मेरे गांव में रहा था। तो बोले कि ये हम दोनों का कनेक्शन है।
बचपन के दोस्तों के बारे में क्या बोले
बचपन के दोस्तों के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ‘मैंने छोटी उम्र में ही अपना घर, हर रिश्ता छोड़ दिया था। मैं एक भटकते हुए आदमी की तरह अपना जीवन बिता रहा था, सभी से मेरा संपर्क टूट गया था। जब मैं सीएम बना, तो मैंने अपने पुराने सहपाठियों को मुख्यमंत्री आवास में आमंत्रित किया। मेरा इरादा उन्हें यह दिखाना था कि मैं अभी भी वही व्यक्ति हूं जो सालों पहले गांव में उनके साथ रहता था। मैं उन पलों को फिर से जीना चाहता था।’ पीएम मोदी ने कहा, ‘उनमें से करीब 30-35 लोग आए, हमने खाना खाया, पुरानी बातें कीं। लेकिन मुझे इसमें मजा नहीं आया क्योंकि मैं दोस्तों की तलाश कर रहा था जबकि वे मुझे सीएम के तौर पर देख रहे थे। अब मेरे जीवन में कोई भी ऐसा नहीं है जो मुझे ‘तू’ कहे।’
राजनीति में सफल होने का मंत्र भी बताया
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘राजनेता बनना एक बात है और राजनीति में सफल होना एक अलग बात है। मेरा मानना है कि इसके लिए आपको समर्पण, प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है, आपको लोगों के लिए मौजूद रहना चाहिए और आपको एक अच्छा टीम खिलाड़ी होना चाहिए। अगर आप खुद को सबसे ऊपर मानते हैं और सोचते हैं कि हर कोई आपका अनुसरण करेगा, तो हो सकता है कि उसकी राजनीति काम करे और वह चुनाव जीत जाए, लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वह एक सफल राजनेता होगा।
यह भी पढ़े : जगुआर कार ने छात्र को कुचला, पिता बोले स्कूल खुला रहता तो नही होता हादसा