कानून की दुहाई और बायर्स की लुटाई, जेपी इंफ्राटेक के होम बायर्स का छलका दर्द, अब एनसीएलटी में इस दिन होगी सुनवाई

JP Infratech Home Buyers And NCLT News in Hindi:  नोएडा में एक घर बनाने का सपना था, जिसके चक्कर में अपने जीनवभर की कमाई दांव पर लगाई मगर मिला सिरदर्द। नोएडा के सेक्टर-128 जेपी इंफ्राटेक बिल्डर की परियोजना जेपी विशटाउन के होम बायर्स की लड़ाई अब भी जारी है। बायर्स की याचिका पर नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में 15 सितंबर को सुनवाई होनी है। वहीं, इनकी मांगों पर परियोजना को टेकओवर करने वाली एजेंसी सुरक्षा रियल्टर्स से यमुना प्राधिकरण ने जवाब मांगा है।

18 हजार फ्लैट खरीदारों को कब्जा नहीं
जेपी इंफ्राटेक की परियोजना में 18 हजार फ्लैट खरीदारों को अब तक कब्जा नहीं मिला है। वहीं, जिन खरीदारों को कब्जा मिला है। उनमें से अधिकांश की रजिस्ट्री नहीं हुई है। इस परियोजना का काम सुरक्षा रियल्टर्स को मिला है लेकिन फ्लैट खरीदार उक्त एजेंसी के काम से संतुष्ट नहीं है। उनका कहना है कि बीते मई 2024 में टेकओवर के बाद अब तक कुछ भी ठीक नहीं हुआ है। कई मुद्दों पर खरीदारों ने एनसीएलटी का रुख किया है। खरीदारों का कहना है कि एनसीएलटी को अपने आदेश को लागू कराने को निर्देश देने की जरूरत है। खरीदारों का कहना है कि उनके अर्जी को एनसीएलटी में भारतीय दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड ने सपोर्ट किया है।

ट्रांसफर करने के नाम पर हो रही लूट
होम बायर्स का आरोप है कि उनको मजबूरी में जब घर बेचने की जरूरत महसूस हो रही है तो उन पर बेतहाशा ट्रांसफर चार्ज बढ़ाया जा रहा है। इसका मतलब ये हुआ कि बिल्डर खुलेआम लूट रहा है। ऐसे में उनको यहां भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

 

पेमेंट डिफॉल्ट होने पर चक्रवृद्धि ब्याज
बता दें कि परियोजना डिफॉल्टर श्रेणी में आने के बाद खरीदारों को बैंक से पैसे मिलने बंद हो गए। ऐसे में उनके पास फंड की कमी हुई और वह फ्लैट की किस्त नहीं भर पाया। जब खरीदार डिफॉल्ट हुए तो उनका आरोप है कि सुरक्षा रियल्टर्स ने उनके बकाये पर चक्रवृद्धि ब्याज लगा दिया। ऐसे में खरीदारों की मुसीबत बढ़ गई।

इन मुद्दो पर बायर्स की सबसे बड़ी आपत्ति
जेपी के खरीदारों को कई मुद्दों पर आपत्ति है। इसमें निर्माण की बेहद धीमी गति, अनुचित ट्रांसफर चार्ज, फंड्स का डायवर्जन, घर खरीदारों पर झूठे केस और सुरक्षा प्रबंधन की चुप्पी और गैर जिम्मेदारी शामिल है। उनका कहना है कि इन मुद्दों पर यमुना प्राधिकरण के साथ उनकी एक बैठक भी हुई थी। इसमें सुरक्षा रियल्टर्स के प्रतिनिधि भी शामिल रहे। अब यमुना प्राधिकरण की ओर से इनसे 12 सितंबर तक होम बायर्स के मुद्दे पर जवाब मांगा है।

 

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