पेशावर कैपिटल सिटी पुलिस अधिकारी (CCPO) डॉ. मियां सईद अहमद ने डॉन न्यूज को बताया, “FC मुख्यालय पर हमला हुआ है। हम जवाब दे रहे हैं और इलाके को घेर लिया गया है। कई धमाके हुए हैं, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है।” सुरक्षा स्रोतों के अनुसार, सुबह करीब 8 बजे एक सुसाइड बॉम्बर ने मुख्य द्वार पर खुद को उड़ा लिया, जबकि दूसरा हमलावर परिसर में घुसने की कोशिश कर रहा था। इसके बाद तीनों आतंकी सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए। सेना, पुलिस और FC की संयुक्त टीमें क्लियरेंस ऑपरेशन चला रही हैं, और संदेह है कि मुख्यालय के अंदर कुछ और आतंकी छिपे हो सकते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और सीसीटीवी फुटेज में धमाके के ठीक बाद की भारी गोलीबारी नजर आ रही है। रेस्क्यू 1122 की एक वीडियो में धुएं का गुबार और एम्बुलेंसों का हाईवे पर दौड़ना दिखाया गया है। लेडी रीडिंग हॉस्पिटल में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है, जहां घायलों को भर्ती कराया जा रहा है। BRT बस सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गईं, लेकिन अब बहाल हो चुकी हैं।
यह हमला पाकिस्तान में बढ़ते आतंकी कदमों की एक और कड़ी है। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हिंसा तेज हो रही है। 2024 में बलूचिस्तान में 782 लोग मारे जा चुके हैं, जबकि जनवरी से अब तक 430 से अधिक, ज्यादातर सुरक्षाकर्मी, विभिन्न हमलों में शहीद हो चुके हैं। इस साल मार्च में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने एक ट्रेन को हाईजैक कर सैनिकों की हत्या की थी। सितंबर में बन्नू के FC मुख्यालय पर हमला नाकाम हुआ, जिसमें छह सैनिक शहीद हुए थे। क्वेटा में जनवरी में FC मुख्यालय के बाहर कार बम विस्फोट से 10 लोग मारे गए थे। नवंबर 2022 में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने सरकार के साथ युद्धविराम तोड़ दिया था, और तब से सुरक्षाबलों पर हमले बढ़े हैं।
पीपुल्स पार्टी की सीनेटर शेरी रहमान ने हमले की कड़ी निंदा की और शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने कहा, “हमारी सुरक्षा बलों की बहादुरी ने आतंकियों को अंदर घुसने से रोक लिया। बाहरी ताकतों से प्रायोजित ये साजिशें पाकिस्तान की एकता को कमजोर नहीं कर सकतीं।” फिलहाल किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां TTP या ISIS-खोरासान जैसे गुटों की संलिप्तता की जांच कर रही हैं।
पाकिस्तान सरकार ने हमले के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। प्रधानमंत्री कार्यालय से बयान जारी कर कहा गया कि आतंकवाद के खिलाफ जंग जारी रहेगी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस घटना पर नजरें टिकी हैं, खासकर अफगानिस्तान सीमा के निकट बढ़ते तनाव के बीच। पेशावर जैसे शहरों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है, और जनता से सतर्क रहने की अपील की गई है।
यह हमला न केवल स्थानीय सुरक्षा को चुनौती देता है, बल्कि पूरे क्षेत्रीय स्थिरता पर सवाल खड़े करता है। अधिक अपडेट्स का इंतजार है।

