पवन सिंह-ज्योति विवाद: ‘चुनाव लड़वाने की जिद’ पर भड़के पति-पत्नी, ज्योति ने ठहराया झूठा, सास-देवर को भी घसीटा

Pawan Singh-Jyoti controversy: भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और भाजपा से जुड़े अभिनेता पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच का वैवाहिक विवाद अब चुनावी रंग ले चुका है। सोमवार को ज्योति सिंह के घर के बाहर रोते-बिलखते वायरल वीडियो के बाद पवन सिंह ने फेसबुक पर लंबा पोस्ट लिखकर सफाई दी है। उन्होंने ज्योति पर चुनाव लड़ने की ‘जिद’ का आरोप लगाया, जबकि ज्योति ने इसे ‘सब झूठ’ बताते हुए पवन को खुला चैलेंज दिया है। इस बीच, सासाराम में समर्थकों ने पवन सिंह का पुतला जलाकर विरोध जताया।

विवाद की शुरुआत रविवार को तब हुई जब ज्योति सिंह पवन के लखनऊ स्थित आवास पहुंचीं। वहां पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया, जिसके बाद ज्योति भावुक हो गईं। वायरल वीडियो में वह रोते हुए कहती नजर आ रही हैं, “इस घर से लाश जाएगी मेरी। पवन जी ने FIR करा दी है, पुलिस बुला ली है। क्या गुनाह किया मैंने?” ज्योति ने पवन पर बेवफाई का भी आरोप लगाया, दावा किया कि चुनाव के तुरंत बाद पवन किसी अन्य महिला को उनके सामने होटल ले गए। उन्होंने कहा, “ये समाज की सेवा करेंगे जो अपनी पत्नी को निकालने के लिए पुलिस बुला रहे हैं?” पुलिस ने स्पष्ट किया कि मामला मेंटेनेंस डिस्प्यूट से जुड़ा है और कोई FIR नहीं हुई, बल्कि सुरक्षा के लिए तैनाती थी।

पवन सिंह ने सोमवार देर रात फेसबुक पर पोस्ट कर अपना पक्ष रखा। उन्होंने लिखा, “ज्योति जी, क्या ये सच नहीं कि कल सुबह आप मेरी सोसाइटी आईं और मैंने आपको सम्मानपूर्वक घर बुलाया? हमारी डेढ़ घंटे की बातचीत में आपने एक ही रट लगाई- ‘मुझे चुनाव लड़वाइए कैसे भी’। ये मेरे बस की बात नहीं।” पवन ने पुलिस को बुलाने के आरोप को भी खारिज किया, कहा कि सुरक्षा के लिए वे पहले से मौजूद थीं। उन्होंने ज्योति के दावों को ‘एकतरफा कहानी’ बताया और अपील की कि परिवारिक मामलों को सार्वजनिक न किया जाए।

ज्योति सिंह ने पवन के पोस्ट पर तीखी प्रतिक्रिया दी। इंस्टाग्राम पर उन्होंने कहा, “सब झूठ है। मैंने चुनाव की कोई बात नहीं की, बल्कि परिवारिक मुद्दों पर चर्चा चाही।” ज्योति ने विवाद में पवन की मां (सास) और भाई (देवर) को भी घसीटा, दावा किया कि सास ने उन्हें अपमानित किया और देवर ने धमकी दी। उन्होंने पवन को चैलेंज किया, “अगर आप NDA के लिए प्रचार करेंगे, तो मैं महागठबंधन के लिए प्रचार करूंगी।” समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अवलेस कुमार सिंह ने भी चेतावनी दी कि ज्योति महागठबंधन से जुड़ सकती हैं।

यह विवाद नया नहीं है। 2022 से ज्योति ने पवन के खिलाफ मेंटेनेंस केस दायर किया था, जिसमें मासिक 5 लाख रुपये की मांग की गई। अगली सुनवाई 8 सितंबर को होनी थी, लेकिन मामला लंबित है। अगस्त में अंजली राघव के साथ पवन का वायरल वीडियो (जिसमें कथित तौर पर अनुचित स्पर्श दिखा) सामने आने पर ज्योति ने इंस्टाग्राम पर भावुक पोस्ट लिखा था, “मैंने क्या पाप किया जो ये सजा मिल रही है? महीनों से परिवारिक और राजनीतिक मुद्दों पर बात करने की कोशिश कर रही हूं, लेकिन कोई जवाब नहीं।” पवन ने उस वीडियो पर माफी मांगी, लेकिन ज्योति ने खुद को ‘अनदेखा’ महसूस करने की बात कही।

सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यूजर्स पवन को ‘घटिया मानसिकता’ वाला बता रहे हैं, तो कुछ ज्योति के समर्थन में #JusticeForJyoti ट्रेंड करा रहे हैं। सासाराम के करकट इलाके में ज्योति समर्थकों ने पवन का पुतला जलाया, नारेबाजी की- “महिलाओं का अपमान बर्दाश्त नहीं!” एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “ज्योति ने चुनाव में पवन का साथ दिया, अब बदले में ये सलूक?” भाजपा पर भी सवाल उठे कि क्या ये महिला वोटरों के बीच कलह फैला रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले यह विवाद पवन की राजनीतिक महत्वाकांक्षा को प्रभावित कर सकता है। पवन, जो भाजपा में हाल ही शामिल हुए, को टिकट की उम्मीद है। ज्योति के पिता ने भी कहा, “बेटी का सम्मान बचाने के लिए भटक रहे हैं, जबकि पवन मुस्कुरा रहे हैं।” कोर्ट में 8 अक्टूबर को ज्योति की गवाही है, जहां नया मोड़ आ सकता है। फिलहाल, दोनों पक्ष चुप्पी साधे हैं, लेकिन सोशल मीडिया पर जंग जारी है।

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