Patna News: बिहार के दरभंगा जिले के अलीनगर विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक मिश्री लाल यादव को पटना हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ दरभंगा की एमपी-एमएलए विशेष अदालत द्वारा दी गई दो साल की सजा को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही उनकी विधानसभा सदस्यता को भी बहाल कर दिया गया है। इस संबंध में विधानसभा सचिवालय ने बुधवार देर रात अधिसूचना जारी कर दी।
मामला 2019 का है, जब समैला गांव के उमेश मिश्रा ने मिश्री लाल यादव और उनके सहयोगी सुरेश यादव पर मारपीट और लूटपाट का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उमेश मिश्रा ने दावा किया था कि 29 जनवरी 2019 को मॉर्निंग वॉक के दौरान मिश्री लाल यादव और 20-25 अन्य लोगों ने उन्हें घेरकर गाली-गलौज की, फरसे से सिर पर वार किया और उनकी जेब से 2300 रुपये भी छीन लिए। इस मामले में दरभंगा की विशेष अदालत ने 27 मई 2025 को मिश्री लाल यादव को भारतीय दंड संहिता की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दो साल की सजा और एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।
इस सजा के आधार पर जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 और संविधान के अनुच्छेद 191 के तहत उनकी विधानसभा सदस्यता 20 जून 2025 को समाप्त कर दी गई थी। इससे बीजेपी के विधायकों की संख्या 79 से घटकर 78 हो गई थी।
हालांकि, मिश्री लाल यादव ने इस फैसले के खिलाफ पटना हाई कोर्ट में अपील दायर की। 18 जुलाई 2025 को हाई कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को निरस्त कर दिया और उनकी दोषसिद्धि को रद्द कर दिया। इसके बाद, विधानसभा सचिव ख्याति सिंह ने बुधवार रात अधिसूचना जारी कर मिश्री लाल यादव की सदस्यता को पूर्ववत प्रभाव से बहाल कर दिया। इस फैसले से बीजेपी के विधायकों की संख्या फिर से 80 हो गई है।
मिश्री लाल यादव ने इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा, “मैं न्यायालय के फैसले का सम्मान करता हूं। मुझे पूरा विश्वास था कि हाई कोर्ट से मुझे न्याय मिलेगा।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके खिलाफ साजिश रची गई थी।

