Patna News: बिहार के 38 जिलों में शिक्षा वित्त निगम की समीक्षा में बड़ा खुलासा हुआ है। निगम ने 11,850 अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर दिया गया है, जबकि 27,258 अभ्यर्थियों के खिलाफ नीलामपत्र दायर किया गया है। समीक्षा में यह भी सामने आया है कि अभी भी 27,277 ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनके खिलाफ नीलामपत्र दायर नहीं किया गया है। इस बीच, पटना जिले में 4,374 अभ्यर्थियों के खिलाफ नीलामपत्र दायर करने का आदेश जारी किया गया है।
शिक्षा वित्त निगम की इस कार्रवाई को बकाया ऋण वसूली के लिए शुरू किए गए विशेष अभियान का हिस्सा माना जा रहा है। निगम के अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई उन अभ्यर्थियों के खिलाफ की जा रही है, जिन्होंने शिक्षा ऋण लेने के बाद समय पर भुगतान नहीं किया गया। नीलामपत्र दायर करने की प्रक्रिया उन मामलों में अपनाई जा रही है, जहां नोटिस के बावजूद अभ्यर्थियों ने बकाया राशि का भुगतान नहीं किया।
निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बकाया राशि की वसूली के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि निगम की वित्तीय स्थिति को मजबूत किया जा सके। जिन 27,277 अभ्यर्थियों पर अभी तक नीलामपत्र दायर नहीं हुआ है, उनके लिए निगम ने समयसीमा के भीतर बकाया चुकाने की अपील की गई है।
इस कार्रवाई को लेकर कुछ अभ्यर्थियों और सामाजिक संगठनों ने चिंता जताई है। उनका कहना है कि आर्थिक तंगी और बेरोजगारी के कारण कई अभ्यर्थी समय पर ऋण चुकाने में असमर्थ हैं। संगठनों ने सरकार से मांग की है कि ऐसे अभ्यर्थियों के लिए विशेष राहत पैकेज या पुनर्भुगतान की अवधि बढ़ाने पर विचार किया जाए।
दूसरी ओर, निगम का कहना है कि यह कदम न केवल वित्तीय अनुशासन को बढ़ावा देगा, बल्कि भविष्य में ऋण वितरण के लिए संसाधन भी सुनिश्चित करेगा। इस मुद्दे पर आगे की कार्रवाई और अभ्यर्थियों की प्रतिक्रिया पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

