ईएसआईसी अस्पताल की लापरवाही से जा रही मरीजों की जान, क्या श्रमिको का उत्थान या शोषण

नोएडा के सेक्टर 24 स्थित ईएसआईसी अस्पताल चर्चा में रहता है। वो भी डाक्टरों और प्रबंधकों की लापरवाही के कारण। कई मामले हो चुके है कि समय से इलाज न होने से मरीजों की जान चली गई। हंगामा भी होता है और पुलिस से शिकायत भी लेकिन यहां डाक्टरों के कानों पर जू तक नही रेंगती। इस बार 25 साल की महिला मरीज मौसम को डेंगू हुआ था। तबियत बिगड़ने पर उन्हें ईएसआईसी अस्पताल लेकर आए। शनिवार सुबह ही परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से रेफर कराने की मांग की। अस्पताल में ही इलाज की सुविधा होने का दावा कर मरीज को किसी दूसरे अस्पताल में रेफर नहीं किया गया। इधर खून की उल्टी शुरू हो गई। शाम को तबियत ज्यादा बिगड़ने पर हंगामा करने पर अस्पताल प्रशासन ने पुलिस बुला ली। पुलिस ने लोगों को शांत कराते हुए इमरजेंसी में पहुंचकर मरीज की जानकारी ली। जब केस पूरी तरह बिगड़ा तो मरीज को आनन-फानन में निजी अस्पताल के लिए रेफर किया गया। इस बाबत अस्पताल निदेशक डॉ. संगीता माथुर से इस मामले में जानकारी के लिए संपर्क किया गया मगर कोई जबाव नहीं मिला।

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बता दें कि ईएसआईसी अस्पताल में सलारपुर निवासी महिला को बीमारी की हालत में भर्ती कराया गया था। उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर परिजनों ने हंगामा करना शुरू कर दिया था। परिजन ने ईएसआई पर लापरवाही का आरोप लगाया है। कोई लिखित शिकायत नहीं दी है। लिखित शिकायत मिलने पर पुलिस छानबीन करेगी। इससे पहले भी कई मामले हो चुके है मगर पुलिस भी खानापूर्ति करती है और चुप हो जाती है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि ईएसआईसी अस्पताल श्रमिकोें के उत्थान के लिए बने है या फिर शोषण। ज्यादातर समय पर देखा गया है कि ईएसआईसी अस्पताल में प्रबंधन मनमानी करता है।

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