Parliament’s winter session: सातवां दिन हंगामों भरा, राहुल का ‘वोट चोरी’ पर तीखा प्रहार, ममता की पीएम से माफी की मांग

Parliament’s winter session: संसद के शीतकालीन सत्र का सातवां दिन भी विपक्ष और सत्ताधारी दल के बीच तीखी बहसों से सराबोर रहा। लोकसभा में निर्वाचन सुधारों पर चर्चा के दौरान विपक्ष ने ‘वोट चोरी’ को सबसे बड़ा राष्ट्र-विरोधी कृत्य बताते हुए चुनाव आयोग पर सवाल खड़े किए, जबकि राज्यसभा में ‘वंदे मातरम’ के 150वें वर्षगांठ पर बहस ने सांस्कृतिक विवाद को नई ऊंचाई दे दी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बंकिम दा’ वाले बयान पर माफी की मांग की, जिससे राजनीतिक तापमान और बढ़ गया। इंडिगो संकट पर पीएम मोदी ने कहा कि नियम और कानून जनता की सुविधा के लिए होने चाहिए। दोनों सदनों में कोई बड़ा विधेयक पारित नहीं हुआ, लेकिन बहसें लोकतंत्र की मजबूती पर केंद्रित रहीं।

‘वोट चोरी’ को बताया राष्ट्र-विरोधी
लोकसभा की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई, जहां सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र कुमार ने वंचित जनजातियों के उत्थान पर सवालों का जवाब दिया। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित बागवानी किसानों को मुआवजे का भरोसा दिलाया, जबकि गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने वामपंथी उग्रवाद को 31 मार्च 2026 तक समाप्त करने का लक्ष्य बताया। उन्होंने कहा कि जून 2019 से 29 माओवादी नेता मारे गए, 1,106 कैडर ढेर हुए, 7,300 गिरफ्तार हुए और 5,571 ने आत्मसमर्पण किया।

प्रमुख चर्चा निर्वाचन सुधारों पर केंद्रित रही, जिसकी शुरुआत कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने की। तिवारी ने विशेष गहन संशोधन (SIR) को असंवैधानिक बताते हुए कहा कि यह पूरे राज्यों में लागू नहीं किया जा सकता। उन्होंने ईवीएम के स्रोत कोड की जांच, पूर्ण वीवीपैट गिनती या बैलेट पेपर पर वापसी की मांग की। विपक्ष ने नकदी हस्तांतरण को लोकतंत्र के लिए घातक बताया।

विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बहस की अगुवाई करते हुए कहा, “भारत 1.4 अरब लोगों का एक ताना-बाना है, जो वोटों से बुना गया है। लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभाएं, पंचायतें—सब वोट के बिना अस्तित्वहीन हैं।” उन्होंने आरएसएस और भाजपा पर संस्थाओं पर कब्जे का आरोप लगाया, विशेषकर चुनाव आयोग पर। गांधी ने दावा किया, “आरएसएस वोट पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। कई संस्थाएं भाजपा के कब्जे में हैं, पहली चुनाव आयोग थी।” उन्होंने पीएम और गृह मंत्री द्वारा चुनाव आयुक्त चुनने की आलोचना की और कहा, “ईडी, एनआईए, सीबीआई जैसी एजेंसियां भी कब्जे में हैं। वोट चोरी से बड़ा कोई राष्ट्र-विरोधी कृत्य नहीं।” उन्होंने ईसीआई पर सत्ता के साथ साठगांठ का आरोप लगाया और चुनावी तारीखें पीएम के शेड्यूल के हिसाब से तय होने का दावा किया।

भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने पलटवार किया, विपक्ष पर बिहार चुनावी हार से ध्यान भटकाने का आरोप लगाया। उन्होंने 1947 में सरदार पटेल को पीएम न बनाने, 1975 की इमरजेंसी और 1987 के कश्मीर चुनाव को कांग्रेस की ‘वोट चोरी’ के उदाहरण बताया। समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए कहा, “सच्चे सुधार तभी संभव जब चुनाव आयोग निष्पक्ष हो। जर्मनी-अमेरिका जैसे देश बैलेट पेपर इस्तेमाल करते हैं।” उन्होंने रामपुर उपचुनाव में ‘वोट डकैती’ का जिक्र किया, जहां पुलिस ने कथित तौर पर लोगों को घरों से बाहर न निकलने दिया। अखिलेश ने कहा, “निष्पक्ष चुनाव हो तो भाजपा एक सीट नहीं जीतेगी।”

पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह ने विपक्ष पर निर्वाचन प्रणाली नष्ट करने का आरोप लगाया। उन्होंने SIR को नागरिकों की पहचान के लिए जरूरी बताया और ईवीएम आलोचना को चुनिंदा बताया—जीतने पर स्वीकार्य, हारने पर समस्या। निशिकांत दुबे ने राहुल के आरएसएस वाले बयान पर कहा, “मैं आरएसएस से हूं और गर्व है। कांग्रेस ने नेहरू काल से मुस्लिम वोटों के लिए नैतिकता त्यागी है।”

चर्चा में इंडिगो उड़ान विवाद पर भी बात हुई। विमानन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, “यात्रियों की सुरक्षा गैर-वार्तनीय है, कोई एयरलाइन कानून से ऊपर नहीं।” उन्होंने 1,800 दैनिक उड़ानों की बहाली, 750 करोड़ रुपये के रिफंड और डीजीसीए नोटिस का जिक्र किया। कोई स्थगन प्रस्ताव स्वीकार नहीं हुआ।

राज्यसभा: ‘वंदे मातरम’ बहस में अमित शाह का कांग्रेस पर हमला, खरगे का पलटवार
राज्यसभा में वंदे मातरम के 150वें वर्ष पर बहस जारी रही। गृह मंत्री अमित शाह ने शुरुआत की, कहा, “वंदे मातरम ने स्वतंत्रता संग्राम में एकजुट किया, आज विकसित भारत के लिए प्रेरणा है।” उन्होंने संस्कृति को देश की सीमाओं का परिभाषक बताया और कांग्रेस पर हमला बोला—नेहरू द्वारा गीत के हिस्सों को हटाने, इंदिरा गांधी द्वारा इमरजेंसी में गाने वालों को जेल भेजने का आरोप लगाया। शाह ने कहा, “कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के आगे घुटने टेक दिए, जिससे विभाजन हुआ।” उन्होंने विपक्षी नेताओं की वंदे मातरम न गाने की सूची सदन में पेश करने की बात कही।

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने वंदे मातरम का जाप करते हुए जवाब दिया, “कांग्रेस ने इसे स्वतंत्रता का नारा बनाया। नेहरू, गांधी, आजाद, नेहरू, पटेल—सभी ने पहले दो छंदों तक सीमित रखने का प्रस्ताव पारित किया।” उन्होंने भाजपा-आरएसएस पर तिरंगा फहराने से परहेज का आरोप लगाया और कहा, “आपकी इतिहास ब्रिटिश के साथ था, जब कांग्रेस जेल जा रही थी।” खरगे ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के मुस्लिम लीग से गठजोड़ का जिक्र किया और अर्थव्यवस्था-चीन मुद्दों पर व्यंग्य किया, लेकिन सभापति ने विषय पर लौटने को कहा।

पूर्व पीएम एच.डी. देवेगौड़ा ने कहा, “वंदे मातरम राष्ट्र को एकजुट करता है, हर राज्य का गीत इससे प्रेरित।” डीएमके के तिरुची सिवा ने खाली ट्रेजरी बेंच का मजाक उड़ाया और तमिलनाडु के स्वतंत्रता सेनानियों—वी.ओ. चिदंबरम पिल्लई, सुब्रमण्या भारती आदि—की उपेक्षा पर सवाल उठाया। उन्होंने स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने और युद्धपोत नामकरण की मांग की। इससे भाजपा के एल. मुरुगन से तीखी बहस हुई, लेकिन सभापति ने शांत किया।

तृणमूल के सुकेंदु शेखर रॉय ने बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय के बंगाली छंदों का सम्मान करने को कहा। आप के संजय सिंह ने आरएसएस के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान पर सवाल उठाया। आरजेडी के अभय कुमार सिन्हा ने बिहार चुनाव में वीवीपैट स्लिप फेंकने का मुद्दा उठाया। शिवसेना-यूबीटी के अनिल देसाई और एनसीपी-एसपी की सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र चुनाव हिंसा पर चिंता जताई। तृणमूल के कल्याण बनर्जी ने SIR से ब्लो (बूथ लेवल ऑफिसर) की आत्महत्याओं का जिक्र किया।

शून्यकाल में ब्रह्मपुर हवाई अड्डे को व्यावसायिक बनाने और मुंबई-छत्रपति संभाजीनगर वंदे भारत ट्रेन की मांग उठी। रसायन मंत्री जे.पी. नड्डा ने उर्वरक वितरण पर पारदर्शिता का भरोसा दिलाया। कोई व्यवधान नहीं हुआ।

ममता का पीएम पर तंज: ‘बंकिम दा’ वाले बयान पर माफी मांगें
राज्यसभा बहस के बीच तृणमूल कांग्रेस ने ‘वंदे मातरम’ चर्चा में पीएम मोदी के बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को ‘बंकिम दा’ कहने पर आपत्ति जताई। ममता बनर्जी ने कूच बिहार रैली में कहा, “मोदी जी स्वतंत्रता के समय पैदा भी नहीं हुए, फिर भी साहित्य सम्राट का अपमान किया। राष्ट्र को माफी मांगें।” उन्होंने भाजपा पर बंगाल की संस्कृति नष्ट करने का आरोप लगाया। तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने ‘बंकिम बाबू’ कहने की सलाह दी, जिसे मोदी ने स्वीकार किया। ममता ने कहा, SIR पूरा होने पर विधानसभा चुनाव की घोषणा होगी।

आज का सत्र शांतिपूर्ण रहा, लेकिन विपक्ष की मांगें—ईवीएम सुधार, SIR जांच—जारी हैं। कल निर्वाचन सुधारों पर बहस जारी रहेगी। संसद 19 दिसंबर तक चलेगी।

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