संसद शीतकालीन सत्र: दूसरा दिन हंगामों से भरा, SIR पर गतिरोध जारी

Winter Session News: संसद के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को दोनों सदनों में विपक्ष के जोरदार विरोध के कारण हंगामा मच गया। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मतदाता सूची के मुद्दे पर बहस की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने नारे लगाए, सदनों से वॉकआउट किया और संसद भवन के बाहर प्रदर्शन भी किया। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान ही हंगामा शुरू हो गया, जिसके बाद सदन दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में भी 21 नोटिसों को खारिज करने पर विरोध हुआ और सदन दोपहर 2 बजे तक स्थगित हो गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन आज लोकसभा में केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 को विचार और पारित करने के लिए पेश करने वाली हैं, लेकिन हंगामे के कारण विधायी कार्य प्रभावित हुआ।

लोकसभा में हंगामा
लोकसभा की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई, जहां स्पीकर ओम बिरला की अध्यक्षता में प्रश्नकाल चला। सांसदों ने सहकारिता, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में मछली उत्पादन पर सवाल उठाए। भाजपा सांसद सौमित्र खान ने तृणमूल कांग्रेस सरकार द्वारा मछली उत्पादन पर केंद्र की फंडिंग के उपयोग पर सवाल किया, जिसका जवाब देते हुए केंद्र ने बताया कि केवल 21 प्रतिशत फंड का ही खर्च हुआ है। हालांकि, विपक्षी सांसदों ने ‘SIR पर चर्चा करो’ और ‘डाउन डाउन’ के नारे लगाकर सदन में हंगामा मचा दिया। स्पीकर ने शांत रहने का आग्रह किया, लेकिन हंगामा थमने का नाम न लेने पर सदन दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दिया गया।

विपक्ष ने SIR मुद्दे पर सरकार पर वोटर लिस्ट में कथित हेरफेर का आरोप लगाया। लोकसभा में विपक्ष के नारे ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ गूंजते रहे। इंडिया गठबंधन के सांसदों ने सुबह 10:30 बजे संसद के मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।

पिछले दिन (1 दिसंबर) की तरह आज भी SIR मुद्दे पर हंगामा हुआ। पहले दिन मणिपुर जीएसटी विधेयक पारित हुआ था, लेकिन विपक्ष के विरोध के कारण सदन बार-बार स्थगित हुआ था।

राज्यसभा में टकराव
राज्यसभा की कार्यवाही भी सुबह 11 बजे उपसभापति सी.पी. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में शुरू हुई। सदन में कागजात रखे गए और सदन के नेता जगत प्रकाश नड्डा को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी गईं। जीरो आवर के दौरान विपक्ष ने ‘SIR पर चर्चा हो’ के नारे लगाए, जिससे सदन में हंगामा मच गया। आरजेडी सांसद प्रो. मनोज झा बोल रहे थे, तभी विपक्ष के सांसदों ने SIR पर चर्चा की मांग की। डॉ. फौजिया खान और वी. शिवदासन जैसे सांसदों ने भी इस मुद्दे को उठाया।

सभापति ने नियम 267 के तहत 21 नोटिसों को खारिज कर दिया, जो सदन के कार्य को स्थगित कर SIR पर चर्चा कराने के लिए थे। इससे विपक्ष भड़क गया। डीएमके सांसद तिरुची सिवा ने नियम 239 के तहत पॉइंट ऑफ ऑर्डर उठाया और नोटिस खारिज करने के कारणों पर सवाल किया। सभापति ने कहा कि कारण पहले ही स्पष्ट कर दिए गए हैं और पॉइंट ऑफ ऑर्डर को खारिज कर दिया।

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति पर एकतरफा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संसदीय परंपरा के अनुसार नोटिसों में विषय और सदस्यों के नामों का उल्लेख होता है, लेकिन सदन में हंगामे के कारण सुनवाई नहीं हो पा रही। खड़गे ने संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू पर SIR मुद्दे से बचने का आरोप लगाया। सभापति ने कहा कि सदन व्यवस्थित होने पर ही सुनेंगे।

सदन के नेता जे.पी. नड्डा ने कहा कि विपक्ष के नेताओं के साथ जल्द बैठक होगी और फैसला लिया जाएगा। रिजिजू ने कहा कि समयसीमा थोपना उचित नहीं, देश में कई मुद्दे हैं और सबको प्राथमिकता देनी होगी। भाजपा सांसद डॉ. के. लक्ष्मण ने जीरो आवर में नशीली दवाओं की समस्या उठाई। उन्होंने बताया कि सामाजिक कल्याण मंत्रालय के अनुसार देश में 3.1 करोड़ कैनबिस यूजर, 2.4 करोड़ ओपिऑयड यूजर और 77 लाख इनहेलेंट यूजर हैं। उन्होंने पुनर्वास केंद्रों का विस्तार और तस्करों पर सख्ती की मांग की।
हंगामे के बीच राज्यसभा दोपहर 2 बजे तक स्थगित हो गया।

SIR विवाद का पृष्ठभूमि
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) मतदाता सूची का एक अभियान है, जो 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहा है। विपक्ष का आरोप है कि यह वोटर लिस्ट से लाखों नाम हटाने का प्रयास है, जो आगामी चुनावों को प्रभावित कर सकता है। सरकार ने कहा है कि वह चर्चा के खिलाफ नहीं, लेकिन समयसीमा तय नहीं की जा सकती। पहले दिन राज्यसभा से विपक्ष ने वॉकआउट किया था।

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विपक्ष का नाटक’ वाले बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, “संसद जनता के मुद्दों पर चर्चा के लिए है, न कि नाटक के लिए। असली नाटक तो जनहित के मुद्दों पर बहस से बचना है।”

अन्य घटनाएं
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने जॉर्जिया के संसदीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। यह प्रतिनिधिमंडल 1 दिसंबर को भारत पहुंचा है और दिल्ली में उच्च अधिकारियों से मिलने के बाद आगरा जाएगा। राज्यसभा में भी यह प्रतिनिधिमंडल विशेष बॉक्स में मौजूद रहा।

सत्र का एजेंडा और भविष्य
शीतकालीन सत्र में कुल 15 बैठकें निर्धारित हैं। आज केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा और पारित होना है, जो तंबाकू, पान मसाला जैसे ‘सिन गुड्स’ पर लेवी के पुन: उपयोग का प्रावधान करता है। पहले दिन वित्त मंत्री ने दो नए विधेयक पेश किए थे। हंगामे के बावजूद सरकार विधायी कार्य आगे बढ़ाने पर तुली है, लेकिन विपक्ष की मांगें सत्र को बाधित कर रही हैं।

यह सत्र उपसभापति सी.पी. राधाकृष्णन के पहले पूर्ण सत्र के रूप में याद किया जाएगा, जिन्हें सितंबर में जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद चुना गया था। विपक्ष ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि सरकार और विपक्ष को समान अवसर दें।

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