Parliament Winter Session: संसद में रार, ‘G RAM G’ पर तकरार, सत्र में विवादास्पद विधेयकों के कारण हंगामा हुआ

Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र के 13वें दिन लोकसभा और राज्यसभा में कई महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा हुई। राज्यसभा में बीमा कानूनों में संशोधन करने वाले ‘सबका बीमा सबकी रक्षा (बीमा कानून संशोधन) विधेयक 2025’ पर बहस हुई, जबकि लोकसभा में परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने वाले ‘सस्टेनेबल हार्नेसिंग ऑफ एटॉमिक एनर्जी फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (SHANTI) विधेयक’ और मनरेगा को बदलने वाले ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड अजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) विधेयक’ पर विचार-विमर्श हुआ।

राज्यसभा में बीमा विधेयक पर विवाद
राज्यसभा ने लोकसभा से पारित ‘सबका बीमा सबकी रक्षा विधेयक 2025’ पर चर्चा शुरू की। यह विधेयक बीमा क्षेत्र में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) की सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% करने का प्रस्ताव करता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य 2047 तक ‘सबके लिए बीमा’ सुनिश्चित करना है और महामारी के दौरान भी सरकार ने गरीबों को बीमा कवर प्रदान किया जाना है।

कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा, “कांग्रेस विकास के खिलाफ नहीं है, लेकिन हम जनता के हित को प्राथमिकता देते हैं। हम निजी कंपनियों के मुनाफे के लिए खड़े नहीं हो सकते।” उन्होंने विधेयक को संसद की चयन समिति के पास भेजने की मांग की। विपक्ष का आरोप है कि यह कदम निजीकरण को बढ़ावा देगा और सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों को कमजोर करेगा।
इसके अलावा, राज्यसभा ने 71 पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को निरस्त या संशोधन करने वाले ‘रिपीलिंग एंड अमेंडिंग बिल 2025’ को ध्वनि मत से पारित कर दिया।

लोकसभा में SHANTI विधेयक पर तीखी बहस
लोकसभा में ‘SHANTI विधेयक 2025’ पर चर्चा का केंद्र रहा। यह विधेयक परमाणु ऊर्जा क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने, सप्लायर दायित्व हटाने और पुराने कानूनों (एटॉमिक एनर्जी एक्ट 1962 और सिविल लायबिलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज एक्ट 2010) को निरस्त करने का प्रस्ताव करता है। सरकार का दावा है कि इससे भारत की ऊर्जा जरूरतें पूरी होंगी और 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य हासिल होगा।

विपक्ष ने कड़ा विरोध जताया:
• कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और शशि थरूर ने सप्लायर दायित्व हटाने और निजीकरण को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया।
• डीएमके सांसद अरुण नेहरू ने विधेयक के नाम को ‘ऑक्सीमोरॉन’ करार दिया और चेरनोबिल व फुकुशिमा जैसी दुर्घटनाओं का जिक्र किया।
• टीएमसी सांसद सौगत राय और सीपीआई(एमएल) सांसद सुदामा प्रसाद ने इसे निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने वाला बताया, जिससे बिजली दरें बढ़ेंगी और पर्यावरण को नुकसान होगा।
बीजेपी सांसद रवींद्र नारायण बेहरा ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि मजबूत अनुसंधान से भारत ने परमाणु तकनीक में आत्मनिर्भरता हासिल की है और यह नया भारत के लिए मददगार होगा।

अन्य प्रमुख घटनाएं
• लोकसभा में VB-G RAM G विधेयक पर भी चर्चा सूचीबद्ध है, जो मनरेगा को बदलकर ग्रामीण रोजगार गारंटी को 125 दिनों तक बढ़ाने का प्रस्ताव करता है, लेकिन विपक्ष इसे अधिकारों को कमजोर करने वाला मानता है।
• दोनों सदनों में प्रश्नकाल के दौरान रेल सुरक्षा, स्टारलिंक की कीमतें और शिक्षा योजनाओं पर सवाल उठे।
• सत्र के दौरान विपक्ष ने विधेयकों को स्थायी समिति के पास भेजने की मांग की, जबकि सरकार ने लंबी चर्चा का आश्वासन दिया।
सत्र में विवादास्पद विधेयकों के कारण हंगामा हुआ, लेकिन सरकार सुधारों को आगे बढ़ाने पर अड़ी है। सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा।

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