Parliament Session: बजट को विपक्ष ने भेदभावपूर्ण बताया है और बुधवार को संसद भवन परिसर में बजट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत इंडी ब्लॉक के सांसदों ने केंद्रीय बजट में विपक्ष शासित राज्यों के साथ कथित भेदभाव को लेकर बुधवार को संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। बजट के खिलाफ इंडिया गठबंधन के विरोध पर, डीएमके सांसद टी शिवा ने कहा, कल के बजट (Budget) ने विपक्ष शासित राज्यों को वंचित कर दिया है, विशेष रूप से तमिलनाडु को जो कुछ भी देना दिया गया. उसे नकार दिया गया. केंद्रीय बजट देश का बजट नहीं यह गठबंधन का बजट है…” इंडिया गठबंधन के नेता केंद्रीय बजट 2024 को भेदभावपूर्ण बताते हुए संसद में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वह सभी राज्यों के साथ समान व्यवहार की मांग कर रहे हैं. संसद भवन के बाहर चल रहे विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव समेत तमाम विपक्षी नेता मौजूद हैं. हाथों में बैनर लिए ये नेता अपने राज्यों के लिए बजट में हिस्से की मांग कर रहे हैं.
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केंद्रीय बजट पर आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा,”सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू की मांग थी कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले, उन्हें क्या मिला? उन्हें प्रधानमंत्री द्वारा सिर्फ झुनझुना और लॉलीपॉप दिया गया है ताकि वे प्रधानमंत्री बने रहें।” उन्होंने आगे कहा कि युवाओं और मध्यम वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है। रोजगार का कोई जिक्र नहीं था। यह एक कॉपी-पेस्ट और रीपैकेज्ड बजट है। बिहार विधानसभा चुनाव आ रहे हैं और यह बजट आवंटन सिर्फ एक चुनावी घोषणा है।”
लोगों को गुमराह कर रहा विपक्ष: वित्त मंत्री
राज्यसभा में आम बजट पर चर्चा चल रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा, “हर बजट में आपको इस देश के हर राज्य का नाम लेने का मौका नहीं मिलता। कैबिनेट ने वडवन पर एक बंदरगाह स्थापित करने का निर्णय लिया था। लेकिन कल बजट में महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया गया। क्या इसका मतलब यह है कि महाराष्ट्र उपेक्षित महसूस करता है? वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यदि भाषण में किसी विशेष राज्य का नाम लिया जाता है, तो क्या इसका मतलब यह है कि भारत सरकार के कार्यक्रम इन राज्यों में नहीं जाते हैं? यह कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष का जानबूझकर लोगों को यह आभास देने का प्रयास है कि हमारे राज्यों को कुछ भी नहीं दिया गया है। यह एक अपमानजनक आरोप है।”
आम बजट पर क्या बोले शशि थरूर?
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, ” इस बजट में अधिकांश राज्यों के लिए इसमें बहुत कम है। केरल से कुछ उम्मीदें थीं, खासकर स्वास्थ्य क्षेत्र में लेकिन वे सभी पूरी नहीं हुईं। हर राज्य के पास बताने के लिए अपने-अपने मुद्दे हैं।”
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सरकार बजट के जरिए गठबंधन सहयोगियों की मदद कर रही: अखिलेश यादव
संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दलों ने एनडीए सरकार पर निशाना साधा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “हम सब मांग कर रहे थे कि किसानों को एमएसपी मिले, लेकिन समर्थन मूल्य किसानों को नहीं, बल्कि अपनी सरकार बचाने वाले गठबंधन सहयोगियों को दिया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार महंगाई को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई। उत्तर प्रदेश को कुछ नहीं मिला। डबल इंजन की सरकार से यूपी को दोहरा लाभ मिलना चाहिए था। मुझे लगता है कि लखनऊ के लोगों ने दिल्ली के लोगों को नाराज कर दिया है। इसका नतीजा बजट में दिख रहा है। तो डबल इंजन का क्या फायदा?”
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खरगे ने बजट को बताया अन्याय
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘यह अन्याय है। हम इसका विरोध करेंगे।’ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘यह अन्याय है। हम इसका विरोध करेंगे।’ वहीं कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, ‘यह बजट भारत सरकार के बजट जैसा नहीं लगता। इस बजट में संघीय ढांचे को तोड़ा गया है। विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य बजट से गायब हैं। यह सरकारी बजट नहीं बल्कि ‘सरकार बचाओ बजट’ है। यह सिर्फ सबको खुश करने के लिए है।’ बजट के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया। वहीं लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय बजट के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की।
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