Parliament News: संसद के मानसून सत्र के सातवें दिन मंगलवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले को लेकर चर्चा का दूसरा दिन हंगामेदार रहा। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दोपहर 12 बजे से 1 बजे के बीच सदन को संबोधित करते हुए विपक्ष के सवालों का करारा जवाब दिया। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को भारत की आतंकवाद के खिलाफ मजबूत और निर्णायक कार्रवाई के रूप में पेश किया, साथ ही विपक्ष पर तीखा हमला बोला।
अमित शाह का विपक्ष पर प्रहार
गृहमंत्री शाह ने विपक्ष के हंगामे और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के भाषण में बार-बार टोकाटोकी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “जब उनके अध्यक्ष बोल रहे थे, तो हम उन्हें धैर्यपूर्वक सुन रहे थे। मैं आपको बताऊंगा कि उन्होंने कितने झूठ बोले। अब वे सच सुनने को तैयार नहीं हैं।” शाह ने विपक्ष पर विदेशी ताकतों पर ज्यादा भरोसा करने का आरोप लगाते हुए तंज कसा, “मुझे इस बात पर आपत्ति है कि उन्हें भारत के विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं, बल्कि किसी और देश पर भरोसा है। इसलिए वे वहां बैठे हैं और अगले 20 साल तक वहीं बैठने वाले हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर पर सरकार का रुख
शाह ने ऑपरेशन सिंदूर को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब बताते हुए कहा, “निर्दोष नागरिकों को उनके परिवारों के सामने उनका धर्म पूछकर मार दिया गया। मैं इस बर्बर कृत्य की निंदा करता हूं और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।” उन्होंने जम्मू-कश्मीर में कार्यरत भारत सरकार की एकीकृत सुरक्षा ग्रिड (इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी ग्रिड) की भूमिका पर विस्तार से जानकारी दी और इसे आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कदम बताया।
पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी, जिसके जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए। ऑपरेशन सिंदूर के तहत नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। शाह ने इस ऑपरेशन को भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक बताया और सशस्त्र बलों की तारीफ की।
विपक्ष के सवाल और शाह का जवाब
विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सुरक्षा चूक और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के युद्धविराम मध्यस्थता के दावों पर सवाल उठाए। शाह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सीजफायर में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं हुई है । उन्होंने जोर देकर कहा, “पाकिस्तानी डीजीएमओ ने स्वयं युद्धविराम की मांग की थी।” विपक्षी सांसदों द्वारा बार-बार टोकने पर शाह ने कहा, “जब इतने गंभीर मुद्दे पर चर्चा हो रही हो, तो सरकार के प्रमुख विभाग के मंत्री को टोकना विपक्ष को शोभा नहीं देता।”
अंतरराष्ट्रीय समर्थन और कूटनीतिक जीत
शाह ने विदेश मंत्री जयशंकर के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति मजबूत हुई है। क्वाड देशों (अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) ने पहलगाम हमले की निंदा की, और भारत की मांग पर टीआरएफ जैसे आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया गया। शाह ने कहा, “पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पूरी तरह बेनकाब हो चुका है।”
विपक्ष का रुख और आगे की चर्चा
विपक्षी नेताओं, जैसे शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत, ने सरकार पर सुरक्षा चूक और ऑपरेशन सिंदूर को इवेंट मैनेजमेंट बताकर सवाल उठाए। चतुर्वेदी ने कहा, “पहलगाम हमले से पहले हमारी खुफिया जानकारी में कहां चूक हुई?” वहीं, राउत ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान की निंदा की, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत का इरादा पीओके लेने का नहीं था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम को समापन भाषण दे सकते हैं। संसद में यह बहस राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर सरकार और विपक्ष के बीच तीखे टकराव का मंच बनी हुई है।
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