Parliament: जालौन। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी सांसदों के निलंबन का मुद्दा गरमाता जा रहा है। विपक्षी पार्टियों ने शुक्रवार को इसके खिलाफ देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन किया है।
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जालौन के कलेक्ट्रेट परिसर उरई में विपक्ष ने एकजुट होकर प्रदर्शन कर सिटी मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार को ज्ञापन सौंपा है। विपक्ष का कहना है कि हम जनता को दिखाना चाहते हैं कि यदि वे इस तरह से संसद चलाएंगे और विपक्ष की बात नहीं सुनेंगे तो वे लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन के बैनर तले तमाम राजनीतिक दलों के लोगों ने हिस्सा लिया।
146 सांसद निलंबित
14 से 21 दिसम्बर तक लोकसभा से 100 और राज्यसभा से 46 विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया है। इसमें सबसे ज्यादा 61 (लोकसभा से 44, राज्यसभा से 17) सांसद कांग्रेस के हैं। बीते दिन ही कांग्रेस ने तीन सांसदों, दीपक बैज, नकुल नाथ और डीके सुरेश, को निलंबित किया गया था। लोकसभा की कार्यवाही 22 दिसम्बर तक निर्धारित थी, लेकिन इसे एक दिन पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
आखिर क्या वजह थी
13 दिसम्बर को संसद की सुरक्षा में सेंधमारी का मामला सामने आया था। इस दौरान लोकसभा में दो युवक घुसे और गैस कनस्तर से पीले रंग की गैस उड़ा दी। संसद के बाहर भी दो लोगों ने नारेबाजी की। विपक्ष के सांसद इसे गंभीर सुरक्षा चूक मानते हुए गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग कर रहे थे। इस दौरान हंगामा बढ़ता रहा और विपक्षी सांसद निलंबित होते रहे।
अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही
18 दिसम्बर को लोकसभा से 33 और राज्यसभा से 45 (कुल 78) सांसद निलंबित किए गए थे। ये आजादी के बाद एक दिन में सांसदों के निलंबन का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले 1989 में एक दिन में 63 सांसद निलंबित किए गए थे।
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