यह टूर्नामेंट निजी था, जिसमें आयोजकों ने भारत, पाकिस्तान, कनाडा, ईरान आदि देशों के नाम पर प्राइवेट टीमें बनाई थीं। आमतौर पर ऐसी टीमों में अपने देश के खिलाड़ी ही खेलते हैं, लेकिन उबैदुल्लाह ने भारतीय टीम की ओर से खेला। पाकिस्तान कबड्डी फेडरेशन (PKF) के सचिव राणा सरवर ने इसे अस्वीकार्य बताया और कहा कि मौजूदा भारत-पाकिस्तान तनाव में यह बिल्कुल मंजूर नहीं है।
PKF ने 27 दिसंबर को इमरजेंसी जनरल काउंसिल मीटिंग बुलाई है, जिसमें उबैदुल्लाह और अन्य खिलाड़ियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई पर फैसला होगा। सरवर ने खुलासा किया कि बहरीन गए 16 पाकिस्तानी खिलाड़ियों ने फेडरेशन या पाकिस्तान स्पोर्ट्स बोर्ड से कोई अनुमति नहीं ली थी। इनमें से कुछ ने गलत तरीके से ‘पाकिस्तान’ टीम का नाम इस्तेमाल किया, उनके खिलाफ भी एक्शन होगा।
उबैदुल्लाह ने माफी मांगते हुए सफाई दी कि उन्हें आमंत्रित किया गया था और वे एक प्राइवेट टीम में शामिल हुए। उन्होंने कहा, “मुझे बाद में पता चला कि टीम का नाम ‘भारत’ रखा गया है। मैंने आयोजकों से कहा था कि भारत या पाकिस्तान के नाम का इस्तेमाल न करें। पहले भी निजी टूर्नामेंट में भारतीय-पाकिस्तानी खिलाड़ी साथ खेल चुके हैं, लेकिन देशों के नाम से नहीं।”
फिर भी, भारतीय जर्सी पहनकर तिरंगा लहराने की तस्वीरें पाकिस्तान में भारी आक्रोश का कारण बनीं। फेडरेशन ने इसे देश की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया और सख्त जांच का ऐलान किया। अगर कार्रवाई हुई तो उबैदुल्लाह का इंटरनेशनल करियर खतरे में पड़ सकता है।
यह घटना एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच खेल संबंधों की संवेदनशीलता को उजागर करती है। निजी टूर्नामेंट होने के बावजूद, राष्ट्रीय प्रतीकों का इस्तेमाल विवाद का बड़ा कारण बन गया।

