पाकिस्तान ऐसे फैला सकता है आतंक
Pakistan Out from FATF Grey List : पाकिस्तान को अब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने ग्रे सूचि से निकाल दिया है। आशंका जताई गई है कि पाकिस्तान अब अंातकवादियों को फडिंग कर सकता है। पाकिस्तान को 2018 से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ ) की ग्रे लिस्ट में शामिल होने से भारत में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। भारतीय खुफिया अधिकारियों ने यूएन काउंटर-टेररिज्म कमेटी को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में होने से भारत में हार्ड टारगेट कम हुए हैं और पाकिस्तानी सरजमीं पर आतंकवादी ठिकानों में 75 प्रतिशत की गिरावट आई। 2008 में हुए मुंबई हमले में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका को भी सबके सामने रखा। सीटीसी में लश्कर के टॉप ऑपरेटिव साजिद मीर की ऑडियो क्लिप चलाई गई। इसमें उसे एक यहूदी आउटरीच सेंटर चबाड हाउस में हमलावरों को निर्देश देते हुए सुना जा सकता है, जहां कई इजरायली नागरिक मारे गए थे।
खुफिया विभाग एक अधिकारी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, एफएटीएफ की ग्रे-लिस्टिंग में आना और संयुक्त राष्ट्र से 2001 में जैश-ए-मोहम्मद व 2005 में लश्कर-ए-तैयबा की पहचान होना कारगर रहा है। साथ ही भारत पर फोकस रखने वाले 9 आतंकियों पर भी कार्रवाई हुई। इन कदमों से कश्मीर में हार्ड टारगेट्स पर हमलों में कमी आई है। साथ ही 2018 से 2021 के बीच सीमा पार आतंकी घटनाओं, टेरर फंडिंग से जुड़े मामलों और आतंकी गतिविधियों में गिरावट आई है। फिर पाक का ग्रे लिस्ट से निकाल दिया गया है जिससे उसके लेन देन पर सीधा असर होगा और हो सकता है कि आतंक को फैलाने वाले लोगों को पैसा मिल सकेंगा।