Pakistan Nuclear weapon threat News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार बार भारत को टैरिफ की धमकी देकर अपनी मांग मनवाना चाहते हैंं। लेकिन भारत किसी भी दबाव में आने को तैयार नहीं। अब पाकिस्तान के सेना प्रमुख अासिम मुनीर का बयान विश्वभर में हलचल मचा रहा है। उन्होंने अमेरिका में मौजूद रहते हुए भारत को परमाणु हथियार की धमकी दी है। अब उनका ये बयान चर्चाओं में आ गया है। जिसके बाद लोगों के मन में सवाल उठने लगे है कि पाकिस्तान में किस तरह से परमाणु हथियार बनाया है। क्या वाकई पाकिस्तान पूरी तरह परमाणु हथियार से सम्पन्न हैं। चलिए बताते हैं…
दरअसल, पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम एक लंबी और जटिल कहानी है, जो देश के रणनीतिक हितों, क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्विता और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति से जुड़ा एक अहम पहलू है। यह कार्यक्रम भारत के साथ हुए युद्धों और भारत के परमाणु परीक्षणों के जवाब में शुरू हुआ था। पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम की शुरुआत 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने की थी। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में मिली हार के बाद, भुट्टो ने अगर भारत परमाणु बम बनाता है तो पाकिस्तान भले ही घास खाकर रहे, लेकिन हम अपना एक परमाणु बम जरूर बनाएंगे का नारा दिया। कार्यक्रम के जनक, डॉ. अब्दुल कादिर खान को इसका श्रेय दिया जाता है, जिन्होंने यूरोप से चोरी की गई तकनीक और डिजाइनों का उपयोग करके पाकिस्तान को परमाणु शक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब पाक उसका ही फायदा उठाकर अमेरिका के कहने पर धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल कर रहा है।
- 1974: भारत का पहला परमाणु परीक्षण – भारत के ‘स्माइलिंग बुद्धा’ परीक्षण ने पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम को और तेज कर दिया।
- 1980 के दशक: यूरेनियम संवर्धन – इस दौरान पाकिस्तान ने हथियार-ग्रेड यूरेनियम का उत्पादन करना शुरू कर दिया था।
- 1998: पाकिस्तान का परमाणु परीक्षण – 11 मई, 1998 को भारत के दूसरे परमाणु परीक्षण (पोखरण-II) के जवाब में, पाकिस्तान ने 28 मई, 1998 को बलूचिस्तान के चगाई-I में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण किए। इसके दो दिन बाद, 30 मई को एक और परीक्षण किया गया। इन परीक्षणों के साथ, पाकिस्तान सार्वजनिक रूप से परमाणु हथियारों का परीक्षण करने वाला दुनिया का सातवां देश बन गया। पाकिस्तान में इस दिन को ‘यौम-ए-तकबीर’ (महानता का दिन) के रूप में मनाया जाता है।
पाकिस्तान की परमाणु नीति और क्षमता
पाकिस्तान की परमाणु नीति ‘पहले इस्तेमाल’ (First Use) की है, जिसका अर्थ है कि वह किसी भी युद्ध की स्थिति में पहले परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने से नहीं हिचकेगा। यह भारत की ‘पहले इस्तेमाल नहीं’ (No First Use) की नीति के विपरीत है। स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के अनुसार, 2025 तक पाकिस्तान के पास लगभग 170 परमाणु हथियार होने का अनुमान है, जो भारत के 172 हथियारों के बराबर है।
आसिम मुनीर का हालिया बयान
हाल ही में, पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने अमेरिका में आयोजित एक कार्यक्रम में भारत के खिलाफ एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा, “हम एक परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं। अगर हमें लगा कि हम डूब रहे हैं, तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले डूबेंगे।”
इस बयान को भारत के खिलाफ एक परमाणु धमकी के रूप में देखा गया है। मुनीर के इस बयान पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, इसे ‘गैर-जिम्मेदाराना’ और ‘परमाणु ब्लैकमेलिंग’ करार दिया है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी धमकियों का उस पर कोई असर नहीं होगा और वह अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
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