Operation Mahadev News: आतंकियों का सफाया, पहलगाम हमले का जवाब

Operation Mahadev News: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के लिडवास इलाके में भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने संयुक्त रूप से ‘ऑपरेशन महादेव’ चलाकर एक बड़ी सफलता हासिल की है। इस ऑपरेशन में द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) से जुड़े तीन आतंकियों को मार गिराया गया है, जिनके 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम आतंकी हमले से संबंध होने की आशंका जताई गई थी। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे।

ऑपरेशन महादेव का आगाज और रणनीति
ऑपरेशन महादेव का नाम भगवान शिव के सम्मान में रखा गया, जो कश्मीर में अमरनाथ यात्रा और आध्यात्मिकता का प्रतीक माना गया हैं। यह ऑपरेशन पहलगाम हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसे टीआरएफ, लश्कर-ए-तैयबा का एक फ्रंट, ने अंजाम दिया था। सेना को दो दिन पहले संदिग्ध बातचीत का इनपुट मिला था, जिसके आधार पर दाछीगाम नेशनल पार्क के पास हरवान और लिडवास इलाकों में सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।

सोमवार को शुरू हुए इस ऑपरेशन में स्वदेशी ड्रोन और रडार का इस्तेमाल किया गया, जिससे जंगलों में छिपे आतंकियों को ट्रैक करने में मदद मिली। मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकियों को ढेर कर दिया गया, जिनमें से एक की पहचान लश्कर कमांडर मूसा के रूप में होने की संभावना है। ड्रोन फोटोग्राफी के जरिए शवों की पुष्टि की गई, हालांकि उनकी आधिकारिक पहचान अभी बाकी है। सूत्रों के अनुसार, दो अन्य आतंकी गंभीर रूप से घायल हैं, और ऑपरेशन अभी भी जारी है।

पहलगाम हमले से जुड़ा कनेक्शन
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हमले में 26 बेकसूर पर्यटकों की जान चली गई थी। सूत्रों का दावा है कि मारे गए तीन आतंकियों में से दो इस हमले के मुख्य साजिशकर्ता हो सकते हैं। ऑपरेशन महादेव को 96 दिनों तक चलाया गया, जिसका मकसद इन आतंकियों को पकड़ना या मार गिराना था। इससे पहले 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए गए थे।

भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि “तीन आतंकियों को तीव्र गोलीबारी में ढेर किया गया है, और ऑपरेशन जारी है।”

सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है, और हाई अलर्ट जारी है। मौके से भारी मात्रा में गोला-बारूद और हथियार बरामद किए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि सेना पिछले 14 दिनों से लश्कर और जैश के संयुक्त ग्रुप को ट्रैक कर रही थी, जिसमें पांच से सात आतंकी शामिल हो सकते हैं।

संसद में चर्चा और सामरिक महत्व
ऑपरेशन महादेव की सफलता ऐसे समय में आई है, जब लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा हो रही है। यह ऑपरेशन सरकार और सेना के आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प को दर्शाता है। टीआरएफ पर लगातार बढ़ते दबाव और इस ऑपरेशन की सफलता को घाटी में शांति स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

निष्कर्ष
ऑपरेशन महादेव ने न केवल पहलगाम हमले के गुनहगारों को सजा दी, बल्कि यह भी दिखाया कि भारतीय सेना आतंकवाद के खिलाफ कितनी सक्षम और सतर्क है। आनेवाले दिनों में स्वदेशी तकनीक और सामरिक रणनीति के बल पर यह ऑपरेशन देश की सुरक्षा और आत्मविश्वास को मजबूत करने वाला होगा। सेना ने स्पष्ट किया है कि जब तक क्षेत्र को पूरी तरह सुरक्षित नहीं घोषित कर दिया जाता, ऑपरेशन जारी रहेगा।

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