Operation ‘Kayakalp’: सीईओ हुए सख्त कहा, ग्रेनो का कोई भी स्कूल बिना बाउंड्री के न रहें
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने सोमवार को ऑपरेशन ‘कायाकल्प’ (Operation ‘Kayakalp’) ग्रेनो का कोई भी स्कूल बिना बाउंड्री के न रहें के अंतर्गत ग्रेटर नोएडा के स्कूलों की समीक्षा की। सीईओ ने परियोजना विभाग को कड़े निर्देश दिए कि कोई भी स्कूल बिना बाउंड्री के न रहें। उन्होंने प्राधिकरण, शिक्षा विभाग और सीएसआर की मदद से इन सभी स्कूलों को चमकाने के निर्देश दिए।
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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार (NG Ravi Kumar, CEO of Greater Noida Authority) ने एसीईओ मेधा रूपम और एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग की मौजूदगी में सोमवार को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राहुल पंवार और परियोजना विभाग की टीम के साथ ग्रेटर नोएडा एरिया में स्थित स्कूलों की समीक्षा की। इन स्कूलों में होने वाले कार्यों के हिसाब से 19 पैरामीटर तय किए गए हैं, जिनमें शुद्ध पेयजल, शौचालय, शौचालयों में जलापूर्ति, शौचालयों में टाइल्स लगाना, दिव्यांग सुलभ शौचालय, मल्टी हैंडवाश यूनिट, कक्ष के फर्श पर टाइल्स लगाना, श्यामपट्ट, रसोईघर, रंगाई-पुताई, दिव्यांगों के लिए सुलभ रैंप, कक्षा में विद्युतीकरण, फर्नीचर, गेट, चारदीवारी आदि शामिल हैं।
सीईओ ने परियोजना विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने वर्क सर्किल में स्थित प्रत्येक स्कूलों का सर्वें करें। किस स्कूल में क्या काम कराया जाना है, इसकी लिस्ट बना लें। एस्टीमेट तैयार कर टेंडर प्रक्रिया को पूरा कर ही शीघ्र काम शुरू करा दें।
सीईओ ने इन कार्यों के लिए सीएसआर से सहयोग लेने के निर्देश दिए।
बता दें, कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रयास से बिरौंडा व खैरपुर गुर्जर के सरकारी स्कूलों को सीएसआर फंड से कई सुविधाएं प्रदान की गई हैं। इसी तरह फेडरल बैंक के सीएसआर फंड से नवादा, ऐमनाबाद और गढ़ी समस्तीपुर के स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस शुरू की गई हैं।
प्राथमिक स्कूलों का कायाकल्प करना पहली प्राथमिकता
सीईओ ने कहा कि गांवों में प्राथमिक स्कूलों का कायाकल्प करना पहली प्राथमिकता है। इसलिए सभी वर्क सर्किल अपने एरिया के स्कूलों को ठीक से सर्वे कर लें और तय पैरामीटर के हिसाब से शीघ्र काम शुरू करा दें। इस काम में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कक्षा से लेकर ग्राउंड और शौचालयों तक, सभी को चमकाने के निर्देश दिए। सीईओ ने कहा कि अगर संभव हो तो सोलर पंप लगाकर शौचालयों में पानी का इंतजाम करें, ताकि बिजली के बिल जमा करने का झंझट ही न रहे।