पीएम मोदी का संबोधन
बीजेपी मुख्यालय में पहुंचते ही पीएम मोदी ने बिहारी अंदाज में गमछा लहराकर कार्यकर्ताओं का अभिवादन किया। अपने संबोधन की शुरुआत उन्होंने ‘छठी मैया की जय’ के उद्घोष से की। उन्होंने कहा, “बिहार की जनता ने ऐसा जनादेश दिया है कि गर्दा उड़ा दिया है। यह जीत सिर्फ एनडीए की नहीं, बल्कि लोकतंत्र में विश्वास रखने वालों की जीत है।” पीएम ने विपक्ष के ‘मुस्लिम-यादव’ (MY) फॉर्मूले को नकारते हुए एक नया
सकारात्मक MY फॉर्मूला पेश किया- ‘महिला और यूथ’। उन्होंने जोर देकर कहा, “जंगलराज वालों का पुराना MY फॉर्मूला ध्वस्त हो चुका है। इस चुनाव ने बिहार को नया सकारात्मक MY दिया है- महिला और युवा।”
पीएम मोदी ने आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा, “जब मैं जंगलराज और कट्टा सरकार की बात करता था, तो आरजेडी को आपत्ति नहीं होती थी, लेकिन कांग्रेस बेचैन हो जाती थी। आज मैं साफ कहता हूं- अब कट्टा सरकार कभी नहीं लौटेगी।” उन्होंने कांग्रेस को ‘मुस्लिम-लीगी माओवादी कांग्रेस’ (MMC) करार देते हुए कहा, “कांग्रेस के पास देश के लिए कोई सकारात्मक विजन नहीं है। मैंने उनके सहयोगियों को चेतावनी दी थी कि यह पार्टी उनके लिए परजीवी और बोझ है। हो सकता है कांग्रेस का एक और विभाजन हो जाए।” पीएम ने बिहार की जीत को बंगाल की दिशा में एक संदेश बताया और कहा, “गंगा जी बिहार से बहकर बंगाल तक जाती है। बिहार ने बंगाल में बीजेपी की विजय का रास्ता बना दिया है। हम बंगाल से भी जंगलराज उखाड़ फेंकेंगे।”
भाषण के दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मंच पर मौजूद रहे। मुख्यालय में लिट्टी-चोखा का भोज आयोजित किया गया था, जो बिहार की जीत का प्रतीक था। पीएम ने कहा कि आने वाले पांच सालों में बिहार तेज गति से बढ़ेगा, नए उद्योग लगेंगे, निवेश आएगा और पर्यटन व ऐतिहासिक धरोहरों का कायाकल्प होगा।
नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री
चुनावी रणनीति में नीतीश कुमार की भूमिका को पीएम मोदी ने खूब सराहा। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व ने बिहार को विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।” एनडीए के सहयोगी दलों के नेताओं- चिराग पासवान (लोक जनशक्ति पार्टी-रामविलास), उपेंद्र कुशवाहा (राष्ट्रीय लोक मोर्चा) और जीतन राम मांझी (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) को भी बधाई दी।
जेडीयू को 85 सीटें मिलीं, जबकि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर 89 सीटों पर काबिज हुई। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 19 सीटें हासिल हुईं।
सूत्रों के अनुसार, नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री पद पर शपथ लेंगे। यह उनकी दसवीं बार मुख्यमंत्री बनने की होगी, जो बिहार के इतिहास में एक रिकॉर्ड होगा। वर्तमान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (तरापुर से 45,843 वोटों से जीते) और विजय कुमार सिन्हा (लाखीसराय से 24,940 वोटों से जीते) अपने पद पर बरकरार रहेंगे। जेडीयू नेता श्याम राजक ने कहा, “एनडीए एकजुट है। पांचों पांडव एकजुट हैं। चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा गया और वे ही अगले मुख्यमंत्री होंगे।” बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने भी पुष्टि की कि नीतीश कुमार ही एनडीए के चेहरा हैं।
विपक्ष की करारी हार
महागठबंधन को करारा झटका लगा। आरजेडी को 22, कांग्रेस को 8 और अन्य सहयोगी दलों को बाकी सीटें मिलीं। तेजस्वी यादव रघोपुर से 11,000 वोटों से जीते, लेकिन गठबंधन का ‘सत्ता परिवर्तन’ का दावा चूर-चूर हो गया। आरजेडी ने महिलाओं को 10,000 रुपये देने के वादे पर जोर दिया था, लेकिन नीतीश कुमार की 1.41 करोड़ महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं ने विपक्ष के प्रयासों को नाकाम कर दिया। पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा, “जनता ने प्रदर्शन की राजनीति को चुना है।”
भविष्य की राह
यह जीत एनडीए के लिए ‘डबल इंजन’ सरकार की मजबूती का प्रमाण है। पीएम मोदी ने कहा कि बिहार अब तेजी से औद्योगिकीकरण की ओर बढ़ेगा। जेडीयू के ललन सिंह ने कहा, “नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार नई ऊंचाइयों को छुएगा।”
एनडीए की इस जीत ने न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश की राजनीति को नई दिशा दी है। शपथ ग्रहण समारोह की तारीख जल्द घोषित होने की उम्मीद है।

