Omar Abdullah’s statement on the “vote theft” issue: कांग्रेस पड़ी अलग-थलग, इंडिया ब्लॉक का इससे कोई लेना-देना नहीं

Omar Abdullah’s statement on the “vote theft” issue: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने कांग्रेस द्वारा उठाए गए ‘वोट चोरी’ मुद्दे से खुद को और इंडिया गठबंधन को पूरी तरह अलग कर लिया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यह कांग्रेस का अपना मुद्दा है और इंडिया ब्लॉक का इससे कोई संबंध नहीं है।

उमर अब्दुल्लाह का यह बयान दिल्ली में 14 दिसंबर को कांग्रेस की ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ रैली के एक दिन बाद आया है। इस रैली में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए थे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने कहा था कि ‘वोट चोरी’ भाजपा की डीएनए में है और इसके नेता ‘गद्दार’ हैं जो लोगों के वोटिंग अधिकार छीनने की साजिश रच रहे हैं। कांग्रेस ने दावा किया है कि उसने देशभर से ‘वोट चोरी’ के खिलाफ करीब छह करोड़ हस्ताक्षर इकट्ठा किए हैं, जिन्हें राष्ट्रपति को सौंपा जाएगा।

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने संवाददाताओं से कहा, “इंडिया ब्लॉक का इससे कुछ लेना-देना नहीं है। हर राजनीतिक दल को अपना एजेंडा तय करने की स्वतंत्रता है। कांग्रेस ने ‘वोट चोरी’ और एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) को अपना मुख्य मुद्दा बनाया है। हमें उन्हें रोकने का अधिकार कौन देता है?”

गौरतलब है कि उमर अब्दुल्लाह की नेशनल कॉन्फ्रेंस इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें लोकसभा में विपक्षी सांसदों की संख्या के लिहाज से कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। इससे पहले भी उमर अब्दुल्लाह ने ईवीएम और एसआईआर जैसे मुद्दों पर कांग्रेस के रुख से दूरी बनाई हुई है। उन्होंने कहा है कि ईवीएम से चोरी संभव नहीं है, हालांकि चुनावों में हेरफेर हो सकता है।

इस बयान ने इंडिया गठबंधन में आंतरिक मतभेदों को फिर से उजागर कर दिया है। हाल के बिहार विधानसभा चुनावों में हार के बाद उमर ने गठबंधन को ‘लाइफ सपोर्ट’ पर बताया था। भाजपा ने इस पर तंज कसा है कि विपक्षी एकता की पोल खुल रही है।

कांग्रेस की रैली में इंडिया ब्लॉक के अन्य दलों की अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय बनी रही। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मुद्दा कांग्रेस की अकेले की लड़ाई बनकर रह गया है, जबकि गठबंधन के अन्य घटक इससे दूरी बनाए हुए हैं।

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