एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में अक्षरा ने स्पष्ट शब्दों में अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इंसानियत के नाते वे भोजपुरी इंडस्ट्री के किसी भी कलाकार को आगे बढ़ते देखना चाहती हैं, लेकिन खेसारी का व्यवहार उन्हें निराश करता है।
“अगर कोई महिलाओं के सम्मान की बात करता है, तो सबको एक नजर से देखना चाहिए। एक महिला को तुच्छ बताकर दूसरी की तारीफ करना ठीक नहीं,” अक्षरा ने बिना नाम लिए तंज कसा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पहले खेसारी इस तरह के इंसान नहीं थे, लेकिन अब “पता नहीं वे क्या-क्या कहते हैं।” यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और भोजपुरी फैंस के बीच बहस छेड़ दी है।
यह पहला मौका नहीं है जब अक्षरा और खेसारी के बीच तल्खियां सामने आई हैं। दोनों के बीच लंबे समय से प्रतिद्वंद्विता चली आ रही है, जो भोजपुरी सिनेमा की आंतरिक राजनीति से जुड़ी हुई है। 2021 में पवन सिंह और खेसारी के झगड़े में अक्षरा ने भी कूदकर खेसारी पर आरोप लगाए थे। जुलाई 2024 में अक्षरा ने भोजपुरी इंडस्ट्री पर पुरुष वर्चस्व का आरोप लगाते हुए कहा था कि जो कलाकार सामान्य मानदंड तोड़ने की कोशिश करते हैं, उन्हें बॉयकॉट करने की साजिश रची जाती है। खेसारी ने इस पर चुप्पी तोड़ी और सफाई दी थी। फरवरी 2025 में एक पॉडकास्ट में अक्षरा ने इंडस्ट्री के काले कारनामों को उजागर किया, जिसमें पवन सिंह बनाम खेसारी की जंग का भी जिक्र था। इन सबके बीच अक्षरा का पवन सिंह से भी पुराना रिश्ता रहा है, जहां ब्रेकअप के बाद उन्होंने शारीरिक शोषण के आरोप लगाए थे।
इधर, चुनावी माहौल में अक्षरा ने भोजपुरी अभिनेत्री ज्योति सिंह का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “ज्योति चुनाव लड़ रही हैं, यह बहुत अच्छी बात है। एक महिला के रूप में मैं चाहती हूं कि वे आगे बढ़ें। वे खुद के दम पर यह कर रही हैं, और उनकी जर्नी को कोई पूरी तरह नहीं जानता।” अक्षरा ने ज्योति की जीत की कामना की। वैसे, अक्षरा खुद फिलहाल राजनीति में उतरने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे छठ पूजा की तैयारियों में व्यस्त हैं और सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें शेयर कर रही हैं।
भोजपुरी सिनेमा में यह विवाद तब और तूल पकड़ रहा है जब पवन सिंह जैसे सितारे भी चुनावी दौड़ में हैं। फैंस अब देख रहे हैं कि क्या यह दुश्मनी खेसारी के राजनीतिक सफर को प्रभावित करेगी। फिलहाल, दोनों पक्षों से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

