ghaziabad news पुलिस कमिश्नरेट अब केवल कानून व्यवस्था ही नहीं, बल्कि जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने में भी एक मिसाल बन रही है। पुलिस आयुक्त के निर्देशों पर डीसीपी नगर (सिटी) धवल जायसवाल की अगुवाई में प्रतिदिन चलने वाला जनता दरबार न सिर्फ एक औपचारिक कार्यक्रम है, बल्कि समस्या के त्वरित समाधान और संवेदनशील पुलिसिंग का जिंदा उदाहरण बन गया है। हर दिन डीसीपी धवल जायसवाल अपने कार्यालय में स्वयं मौजूद रहकर दो दर्जन से अधिक फरियादियों से सीधी मुलाकात करते हैं। वह न केवल शिकायतें सुनते हैं, बल्कि मौके पर ही संबंधित थाना, चौकी या विभागीय अधिकारी को फोन या निर्देश देकर समस्या का तत्काल और गुणवत्ता के साथ निस्तारण कराते हैं।
डीसीपी जायसवाल ने स्पष्ट किया कि थाना, चौकी और पुलिस कार्यालय आम जनता के लिए हैं। अगर कोई व्यक्ति न्याय की उम्मीद से हम तक पहुंचता है, तो हमारी पहली जिम्मेदारी है कि हम उसकी बात न सिर्फ गंभीरता से सुनें, बल्कि संतुष्टिपूर्ण समाधान भी करें।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि शिकायतों का केवल निस्तारण पर्याप्त नहीं, बल्कि वह पारदर्शिता, संवेदनशीलता और ईमानदारी के साथ होना चाहिए। यही पुलिस की विश्वसनीयता का आधार है। हर शिकायत पर समयबद्ध मॉनिटरिंग के निर्देश भी डीसीपी ने दिए हैं। उनकी प्राथमिकता है कि किसी भी शिकायत को नजरअंदाज न किया जाए, और उसका समाधान तय समय सीमा के भीतर हो। साथ ही, वे यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि शिकायतों की स्थिति की नियमित समीक्षा भी की जाए। डीसीपी धवल जायसवाल ने दो टूक कहा कि हर शिकायत को मैं व्यक्तिगत रूप से देखता हूं।
जनता को न्याय दिलाना और पुलिस पर विश्वास कायम रखना हमारा कर्तव्य
जनता को न्याय दिलाना और पुलिस पर विश्वास कायम रखना हमारा कर्तव्य है। कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गाजियाबाद पुलिस की इस पहल से न सिर्फ आमजन की पहुंच बढ़ी है, बल्कि पुलिस और जनता के बीच की दूरी भी तेजी से कम हो रही है। यह जनसुनवाई अब एक बदलाव की लहर बन चुकी है, जिसमें न सिर्फ शिकायतें दर्ज हो रही हैं, बल्कि उनका समाधान भी संवेदनशीलता और दृढ़ता के साथ हो रहा है। यह पहल न केवल गाजियाबाद पुलिस की जिम्मेदार छवि को सशक्त कर रही है, बल्कि जनता में सुरक्षा, न्याय और पारदर्शिता की भावना को भी मजबूत बना रही है।
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