फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी ही नही ग्रेटर नोएडा की इस फैक्ट्री में चल रहा था ब्रेनवाश का काम

Greater Noida News: फरीदाबाद के धोज में बनी अल फलाह यूनिवर्सिटी आजकल काफी चर्चाओं में है। पता चला है कि जिस तरह ब्रेनवाश कर धार्मिक उन्माद फैलाने का काम हो रहा था, उसी तर्ज पर ग्रेटर नोएडा के कासना में बनी फैक्ट्री में भी धार्मिक उन्माद फैलाने की सामग्री को छापा जा रहा था। दिल्ली बलास्ट के तार अल फलाह यूनिवर्सिटी के डाक्टरों से जुड़े हैं, जो धार्मिक उन्माद फैलाने के साथ ही बड़ी आतंकी वारदात को अंजाम की फिराक में थे। ग्रेटर नोएडा के कासना में बनीं फैक्टरी में प्रकाशित हो रही सामग्री नोएडा, फरीदाबाद, गाजियाबाद के अलावा बरेली और मुंबई भेजी गई।जानकारी के मुताबिक, किताबें अफ्रीकी देशों में भी भेजी जा रही थीं, जिसमें तुर्किए से फं¨डग की जानकारी भी सामने आ रही है। कासना स्थित इस्तांबुल इंटरनेशनल प्रालि. और हकीकत आफसेट एंड पब्लिशर्स लिमिटेड की आड़ में धार्मिक कट्टरता फैलाने वाली किताबे छापी जा रही थी।

दावा किया जा रहा है कि फैक्ट्री में तुर्किए और बांग्लादेश के नागरिक भी आते थे। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क देश विदेश में धार्मिक उन्माद फैलाने का काम कर रहा था। पिछले शनिवार यूपीएटीएस की टीम ने दिल्ली निवासी कंपनी के सह निदेशक फरहान नबी सिद्दीकी को गिरफ्तार किया था।आरोपित ने पिछले सात वर्षों में करीब 2.10 करोड़ रुपये से अधिक की उन्मादी किताबें छापीं। इनमें से 27.50 लाख रुपये की किताबें अफ्रीकी महाद्वीप के देश तंजानिया के बाजार में भी बेच दी।

 

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