Noida सेक्टर 26 क्लबः वर्चस्व की लड़ाई में प्राधिकरण को शामिल करने की कोशिश

Noida: सेक्टर 26 में बने क्लब 26 को लेकर अब वर्चस्व की लड़ाई सार्वजनिक हो गई है। आरडब्लूए और क्लब की प्रबंधन कमेटी आमने-सामने हैं। सेक्टर 26 आरडब्ल्यूए अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने इस मामले को प्राधिकरण के समक्ष उठाने के लिए पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने आधा दर्जन से अधिक बिंदु लिखे हैं। जिनको उन्होंने क्लब प्रबंधन कमेटी द्वारा अनियमताएं बरते जाने के आरोप लगाए हैं। गोविंद शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि क्लब 26, 1997 में बना। तब से यहां कुछ नियम निर्धारित किए गए, जिसमें सबसे बड़ा नियम यह था कि यदि किसी भी बाइलॉज में बदलाव किया जाता है तो ग्रांटटर यानी प्राधिकरण की सहमति भी ली जाएगी, लेकिन कई मामलों में बदलाव हुए और प्राधिकरण की सहमति नहीं ली गई।

यह भी पढ़े: Muzaffarnagar: लव मैरिज करने पर भाईयो ने सरेआम बहन को मार डाला

 

गोविंद शर्मा ने आरोप लगाया कि मौजूदा प्रबंधन कमेटी क्लब में अधिक से अधिक अपने लोगों को सदस्य बना रही है। ताकि वोट के समय उनको स्पोर्ट मिले। सेक्टर में रहने वालों के साथ साथ उन लोगों को भी स्थाई सदस्यता दी जा रही है जो यहां किराए पर रहते हैं। जबकि बाइलॉज के हिसाब से ऐसा करना गलत है। गोविंद शर्मा ने दावा किया कि किराए पर रहने वाले लोगों को स्थाई नहीं बल्कि अस्थाई सदस्यता दी जानी चाहिए। इतना ही नहीं 100 सदस्यों से महीने में वसूल की जाने वाली धनराशि को कुछ सालों की एक साथ लेने के बाद आजीवन के लिए उन्हें मंथली राशि से मुक्त कर दिया गया। उन्होंने बताया कि क्लब इसलिए बना क्योंकि सेक्टर में कहीं भी बरात घर नहीं था। लोगों ने आपस में धनराशि एकत्र कर इसे बनवाया। हालांकि प्राधिकरण ने एक रुपए के लीज पर जमीन दी। गोविंद शर्मा ने कहा कि जो सेक्टर के बाहर रहने वाले लोग हैं उनको सदस्यता नहीं दी जाए।

यह भी पढ़े: महंगाई की मारः टमाटर ही नही मसालों के रेट आसमान पर

इसका कारण उन्होंने बताया कि क्लब के आसपास ट्रैफिक जाम लग जाता है। बरहाल यह सब बातें उन्होंने प्राधिकरण के समक्ष भी उठा दी हैं। एसीईओ मानवेंद्र सिंह को पत्र लिखा गया है। हालांकि वर्क सर्किल दो प्रभारी विजय रावल इस मामले में जांच पड़ताल कर रहे हैं। विजय रावल सुलझे हुए अफसर है देखना है कि दोनों पक्षो की बाते सुनने के बाद वो क्या निर्णय लेते है।

यहां से शेयर करें