Noida: नोएडा के सेक्टर-21 तथा सेक्टर-25 में बने फ्लेट्स का आवंटन नौसेना और वायु सेना से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों हुआ था। करीब 1850 फ्लैटों की रजिस्ट्री अभी तक नहीं हुई है। करीब 44 साल का समय बीतने के बाद भी ये फ्लैट बिना कानूनी दस्तावेजों के ही इस्तेमाल किये जा रहे है। जिससे इनका आवंटन कैंसिल होने का खतरा मंडरा रहा है। इस संबंध में नोएडा प्राधिकरण जल्द ही एयर फोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड (AFNSB) को आदेश देगा कि वह आवंटियों को 30 दिन के अंदर रजिस्ट्री कराने का नोटिस जारी करे। ऐसा न करने पर इन फ्लैटों का आवंटन कैंसिल कर दिया जाएगा और प्राधिकरण फ्लैटों पर कब्जा ले लेगा।
रजिस्ट्री अभी तक नही कराई
बता दें कि नोएडा प्राधिकरण की और से 37 साल पहले 26 सितंबर 1987 को एयर फोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड के पक्ष में सेक्टर-21 और 25 में जमीन आवंटित की थी। इस आवंटन के बाद । AFNB ने 1980 से 1993 के बीच 3696 फ्लैट नौसेना और वायु सेना के अफसरों-कर्मचारियों के लिए आवंटित किए, मगर इनमें से 1850 फ्लैटों की रजिस्ट्री अभी तक लंबित है। ।थ्छभ्ठ ने गत 9 सितंबर 2024 को प्राधिकरण को पत्र भेजकर इस स्थिति की जानकारी दी थी।
बताया गया है कि रजिस्ट्री में देरी की मुख्य वजह त्रिपक्षीय सब लीज का निष्पादन प्रक्रिया को पूरा न करना है। रजिस्ट्री कराने के लिए स्टांप शुल्क देने की अनिवार्यता थी, जिसे लेकर आवंटियों ने विरोध जताया था। वर्ष 2006 में उच्च न्यायालय ने स्टांप शुल्क में छूट देने का आदेश दिया, लेकिन प्राधिकरण इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने प्राधिकरण के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे छूट की उम्मीद टूट गई। तब तक कई फ्लैट जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए बेचे जा चुके थे।
रजिस्ट्री न कराने पर लगता है आर्थिक दंड
बता दें कि कि प्राधिकरण के नियम के अनुसार रजिस्ट्री में देरी करने वाले फ्लैट मालिकों पर पैनेल्टी का पैसा बढता जा रहा है। 31 मार्च 2013 तक प्रत्येक फ्लैट पर 3,17,680 रुपये का विलंब शुल्क लगाया जा चुका था। इसके बाद हर दिन 100 रुपये का अतिरिक्त विलंब शुल्क जुड़ता जा रहा है।