Noida Police: नोएडा। उत्तर प्रदेश का गौतमबुद्धनगर सबसे हाईटेक जिला माना जाता। यहाँ बड़ी बड़ी आईटी कंपनी है और बड़े बड़े कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ है। इन सब में नशीले पदार्थ सप्लाई करने वाले की तादाद भी कम नहीं मगर पुलिस ने नशे का कारोबार करने वालों की कमर तोड़कर रख दी। अब तक कई करोड़ के नशीले पदार्थ पुलिस पकड़ चुकी है और पुलिस की खुफिया टीम लगातार इस पर काम कर रही है। कालेज और यूनिवर्सिटीज़ में स्विगी जोमैटो आदि डिलीवरी की आड़ में नशीले पदार्थ सप्लाई करने वाले का भी पर्दाफाश किया गया। ग्रेटर नोएडा में नशीले पदार्थ बनाने की फैक्टरी भी पकड़ी गई। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है जिससे हमारे आने वाली पीढ़ी नशे से दूर रह सकें। इसी क्रम में अब थाना एक्सप्रेस-वे एवं स्वाट 2 के द्वारा खुफिया तंत्र की सूचना पर गांजा तस्करी करने वाले तीन तस्कर को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 60 किलोग्राम गांजा बरामद किया है, गांजे की कीमत 22 लाख रुपए बताई गई है।
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कपड़ों के बीच में छुपा कर लाते थे गांजा
डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि एसीपी प्रवीण कुमार सिंह एवं थाना प्रभारी सुनील कुमार की टीम ने मुखबिर की सूचना पर उड़ीसा से ट्रेनों में बैगो में भरकर गांजा लाकर उसे एनसीआर में बेचने वाले तीन गांजा तस्करों को गिरफ्तार किया। उन्होंने गांजा तस्करों के नाम पंकज नेगी पुत्र स्वर्गीय सोहन सिंह, विशाल सिंह पुत्र परमानंद सिंह, गोलू कुमार पुत्र रविंद्र कुमार सिंह बताएं हैं, तीनों को छपरौली गोल चक्कर के पास से गिरफ्तार किया। इनके पास से 60 किलोग्राम गांजा कीमत 22 लाख रुपए बताई गई है। पकड़े गए गांजा तस्करों से जब पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उनके गैंग का सरगना गोलू कुमार है। वह पहले भी जेल जा चुका है। जेल से छूटने के बाद बिहार जाकर उसने अपना नया गैंग बनाया। गोलू ने बताया कि वह एक साथ गाजा ना लाकर छोटी-छोटी मात्रा में ट्रेन, बस आदि में माल लाकर गांजा एकत्र कर उसे अलग-अलग जगह पर सप्लाई करते थे। यह गांजा उड़ीसा व आंध्र प्रदेश बॉर्डर से लाया जाता था। आरोपी गांजा पिट्टू बैग में कपड़ों के बीच में छुपा कर लाते थे, पुलिस इनके अन्य साथियों की भी तलाश कर रही है।