Noida Fraud Loan: नोएडा थाना साइबर पुलिस एवं थाना फेस वन पुलिस ने संयुक्त रूप से नोएडा के सेक्टर 16 में एक बिल्डिंग में छापामार फर्जी लोन दिलाने के लिए फर्जी इंश्योरेंस कराने का मामला पकड़ा है। डीसीपी यमुना प्रसाद का दावा है कि ये लोग पहले तो देश भर में अलग अलग लोगों को चिन्हित करते थे। उसके बाद उन्हें लोन दिलाने के नाम पर उनसे भी इंश्योरेंस कराने के लिए रुपये लेते थे। मेरा बीमा नाम से कंपनी थी, जिसके खाते में पैसा जाता था। दरअसल ये किसी बैंक से लोन दिलाने के लिए ऑथराइज्ड नहीं है। इसलिए इन्हें पूरी तरह फर्जी कहा जा सकता है। पुलिस ने मौके से 11 लोगों को गिरफ्तार किया जिसमें एक महिला भी शामिल है। ये लोगों को इस तरह से फोन किया करते थे जैसा लगे कि ये वाकई किसी बैंक के प्रतिनिधि हैं और सैकड़ों लोग इनकी बातों में आ भी चुके हैं। जिसके चलते उन्होंने अपने लाखों रुपये गंवाए हैं।
ऐसे करते थे ठगी
डीसीपी यमुना प्रसाद और एडीसीपी सुमित शुक्ला ने बताया कि ये गिरोह देश भर में अलग अलग लोगों को फोन करता था और उनसे कहता था कि हम आसान तरीके से बैंक से लोन दिला सकते हैं। जिस व्यक्ति को थोड़ी भी जरूरत लगती थी वो फिर इनसे बातचीत शुरू कर देता था। यह बातचीत के बाद उसे लोन दिलाने का पूरा प्रोसेस समझाते थे और कहते थे कि सबसे पहले आपको इंश्योरेंस कराना होगा और इसमें फाइल चार्ज आपका जीरो हो जाए। डीसीपी ने बताया कि ऐसा इसलिए कहते थे कि आरबीआई ने नई गाइडलाइन जारी की है कि कोई भी बैंक लोन देगा तो उसको इंश्योरेंस करा लेना होता है। ताकि उसका पैसा एनपीए होने के बाद बाद लोन वसूली करते थे। उन सब की भूमिका अब खत्म कर दी गई है। अब जब कोई भी व्यक्ति नौ लेता है तो जिस वक्त बैंक लोन का पैसा उसके खाते में देता है। तभी इंश्योरेंस के पैसे भी काट लेता है ताकि जब लोन लेने वाला व्यक्ति पैसा न लौटा पाए तो इंश्योरेंस कंपनी से पैसा ले लें।

