Noida News: बदलती जीवनशैली, बढ़ते तनाव और लंबे समय तक बैठे रहने की आदत के कारण कमर दर्द, गर्दन दर्द, जोड़ों की समस्या और मांसपेशियों की कमजोरी आम होती जा रही है। ऐसे में दवाइयों पर निर्भर रहने के बजाय फिजियोथेरेपी एक प्रभावी और सुरक्षित विकल्प बनकर उभर रही है।
फेलिक्स अस्पताल की वरिष्ठ फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. प्रीति हांडा और डॉ. जाहिद खान ने विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के अवसर पर बताया कि फिजियोथेरेपी में बिना दवा और सर्जरी के शरीर की कई समस्याओं का उपचार संभव है। इसका उद्देश्य केवल दर्द कम करना नहीं, बल्कि मांसपेशियों और जोड़ों की गतिशीलता बढ़ाना और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।
विशेषज्ञों के अनुसार लोग अक्सर दर्द की दवा खाकर समस्या को टालते हैं, लेकिन दवाइयां केवल अस्थायी राहत देती हैं। फिजियोथेरेपी समस्या की जड़ तक जाकर स्थायी समाधान प्रदान करती है। नियमित फिजियोथेरेपी से मरीज दवा और सर्जरी से बच सकता है। यह विशेष रूप से बुजुर्गों और दफ्तर में लंबे समय तक बैठकर काम करने वाले लोगों के लिए बेहद जरूरी है|
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