Noida News। दादरी NTPC से प्रभावित 24 गांवों के किसानों ने सोमवार को सेक्टर-24 स्थित एनटीपीसी भवन को घेर लिया। सुबह से ही भारी तादाद में किसान शिल्प हाट में पहुंचना शुरू हो गए थे। वहां से दोपहर करीब 2 बजे एनटीपीसी भवन पहुंचकर उन्होंने जमकर नारेबाजी की। एनटीपीसी पर प्रदर्शन के दौरान किसानों और नोएडा पुलिस में हल्की नोकझोंक भी हुई। किसानों ने पैदल मार्च निकाला। इस दौरान हजारों की संख्या में किसान मौजूद है। सावधानी के तौर पर वहां रूट डायवर्ट किया गया है। ताकि वाहन चालकों को परेशानी न हो। इसके अलावा भारी पुलिस बल तैनात है। कयास लगाए जा रहे है कि एनटीपीसी अधिकारियों और किसानों के प्रतिनिधि मंडल के बीच बैठक हो सकती है।
भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखवीर खलीफा ने बताया कि एनटीपीसी दादरी परियोजना के लिए 1986,1987,1989,1991 और 1994 आदि में जमीन का अधिग्रहण किया गया था।
इस दौरान किसानों को मुआवजा राशि एक समान न होकर एनटीपीसी अधिकारियों ने अपनी सुविधा के अनुसार अलग-अलग तय की। जिसमें कुछ किसानों को 8 रुपए, 20 रुपए और 45 रुपए प्रतिगत के हिसाब से मुआवजा और नौकरी दी गई। वहीं कुछ किसानों को रेलवे लाइन के अधिग्रहण बताकर 50 रुपए और 110 रुपए प्रतिगत व नौकरी दी गई। जबकि ये अधिग्रहण भी दादरी परियोजना में आता है। इस दौरान स्थानीय नेताओं एनटीपीसी व किसानों के बीच एक समझौता कराकर किसानों को 110 रुपए प्रतिगत व 250 रुपए प्रतिगत व नौकरी दिलवाई। जब एक परियोजना के लिए अधिग्रहण किया जा रहा है तो रेट भी समान होने चाहिए।
इसके अलावा 2291 परिवारों ने एनटी पीसी की स्थापना के लिए अपनी जमीन दी है। जिनमें केवल 182 प्रभावित व्यक्तियों को एनटी पीसी में नौकरी दी गई और 25 प्रतिशत को दुकानें। एनटी पीसी के प्रभावित सभी किसानों को 10 प्रतिशत विकसित भूमि दी जाए। एनटी पीसी दादरी के 5 किमी के दायरे में रहने वाले भू विस्थापित को फ्री में बिजली दी जाए। 200 बेड का अस्पताल बनाया जाए। दादरी में दो डिग्री कॉलेज खुलवाई जाए।
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नोएडा के किसान भी पैदल मार्च में हुए शामिल
प्रदर्शन में एनटीपीसी से प्रभावित किसानों के अलावा बड़ी संख्या में नोएडा के किसान भी शामिल हुए। यहां महिलाओं की संख्या भी ज्यादा रही। पैदल मार्च की अगुआई भी महिलाओं ने की। किसान नेताओं का कहना है जब तक ये हमारी मांगों को पूरा नहीं करते हम यहां से नहीं जाएंगे। इससे पहले भी कई बार प्रदर्शन किया जा चुका है लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला है।
नोएडा प्राधिकरण पर भी प्रदर्शन जारी
सेक्टर-6 स्थित नोएडा प्राधिकरण के बाहर भी किसानों का प्रदर्शन लगातार जारी है। यहां किसानों की मांग है कि उनको 10 प्रतिशत की दर से जमीन दी जाए। आबादी की सीमा 450 मीटर से बढ़ाकर एक हजार मीटर की जाए। अतिक्रमण के नाम पर किसानों के भूखंड को प्राधिकरण में न रोका जाए। पांच प्रतिशत के विकसित भूखंड पर वाणिज्यिक गतिविधि अनिवार्य की जाए।
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किसानों की मांगों को लेकर एनटीपीसी ने जारी किया बयान
एनटीपीसी ने बयान जारी करते हुए कहा कि एनसीआर सहित राष्ट्रहित में बिजली की जरूरत को पूरा करने के लिए दादरी क्षेत्र में नेशनल कैपिटल पावर स्टेशन (एनसीपीएस) की स्टेज-1 का निर्माण वर्ष 1986 से 1995 के बीच किया गया था। भूमि अधिग्रहण और मुआवजा भी उस समय मौजूद भूमि अधिग्रहण अधिनियम और जिला प्रशासन के निदेर्शों के अनुसार किया गया था। इतने साल बीत जाने के बाद कुछ मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों के साथ समय-समय पर विभिन्?न वार्ता के दौरान एनसीपीएस द्वारा अपना पक्ष रखते हुए अवगत कराया जाता रहा है कि समान मुआवजा और नौकरी देने पर विचार किया जाना अब संभव नहीं है।