Noida News:अब फ्लैट की रजिस्ट्री की नौ टेंशन,जानें कैसे
Noida News: आप फ्लैट बायर्स हैं तो फिलहाल राहत की सांस ले लीजिए। हो सकता है कि देर सेवर आपको आपका फ्लैट मिल ही जाए। इसमें किसी सरकार या किसी मंत्री की कोई भूमिका नहीं है। बल्कि समय इतना हो चुका है कि अब धीरे-धीरे बिल्डर इधर उधर से पैसा जुटा कर फ्लेटस डिलीवर करने लगे हैं। बिल्डरों को बड़ा झटका भी लगा है।
40 हजार फ्लैटस (Flats) की रजिस्ट्री का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नोएडा ग्रेटर नोएडा के बिल्डरों को बड़ा झटका दिया है। याचिका खारिज कर दी गई जिसमें बिल्डरों ने सुप्रीम कोर्ट से राहत मांगी थी। 8 फीसदी ब्याज दर बहाल करने की मांग की गई। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। ऐसे में नोएडा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 19301 करोड़ रूपये बकया वसूली करने का मौका मिला। बिल्डर और प्राधिकरण के बीच क्या लेनदेन है इससे बायर्स को कोई मतलब नहीं, लेकिन बिल्डर प्राधिकरण का पैसा इसलिए नहीं दे रहे थे उनको उम्मीद थी कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी। अब राहत नहीं मिली तो उन्हें पैसा देना ही होगा।
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Noida News: जब पैसा दे देंगे तो प्राधिकरण भी अलग-अलग टावरों की उन्हें सीसी यानी कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी कर देगा। इसके बाद बिल्डर से बायर्स अपनी रजिस्ट्री करा सकेंगे। बता दें कि इससे पहले 10 12 वर्षों के बकाए पर जो सामान्य से अधिक ब्याज लगा था उस पर कोर्ट ने बिल्डरों के हक में फैसला दिया था। इस फैसले के खिलाफ दोनों प्राधिकरण संशोधन की अपील करते हुए कोर्ट गए थे। करीब डेढ़ वर्ष तक मामला चला और 1 वर्ष तक सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा।
अब बता दें कि नोएडा में कुल 116 प्रोजेक्ट हैं जिसमें 47 प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं इन प्रोजेक्ट में 40807 फ्लैट हैं ये डिलिवर हो चुके है। 42 प्रोजेक्ट 64119 फ्लैट है जो फिलहाल डिलिवर नही हो पाएं है या फिर रजिस्टी नही हुई है। अकेले आम्रपाली बिल्डर (Amarpali bulder) के प्रोजेक्ट में 14745 फ्लैट है जबकि यूनिटेक में 4500 फ्लैट है और जेपी इंफ्राटेक में 34380 फ्लैट है। इन बिल्डरों को आप हाल जानते होंगे। प्राधिकरण का बिल्डरर्स के 75 प्रोजेक्ट पर बकाया है। अब बिल्डरों को प्राधिकरण ने धीरे-धीरे भुगतान करने का भी मौका दे दिया है। प्राधिकरण का कहना है कि बिल्डर चाहे तो किस्तों में बकाया चुका दें।
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Noida News: इसके अलावा अलग अलग फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के लिए बनाए गए नियम को अपनाते हुए रजिस्ट्री के लिए आगे आ सकते हैं। इसमें समय विस्तार के लिए दिए जाने वाले शुल्क में भी छूट दी जा सकती है। आपको बता दूं कि यूनिटेक ने भी लोगों को कंगाल किया है। लेकिन 1000 फ्लैट बनाने का यूनिटेक (unitech) का रास्ता साफ हो गया है। यूनिटेक के सेक्टर 113 117 में प्रोजेक्ट बन रहे है। सुप्रीम कोर्ट की संयुक्त कमेटी की ओर से पहले चरण में 35 टेंडर निकाले गए हैं यह अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने की पहल है।
गौतमबधु नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा (Dr Mahesh Sharma) ने कहा कि हमारी सरकार ने हर संभव कोशिश की है कि जल्द से जल्द बायर्स को फ्लैट दिलाया जाए, लेकिन पिछली सरकारों के कारनामों की वजह से सब कुछ अटका हुआ है। यूपी में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने बिल्डर्स से बायर्स को फ्लैट डिलीवर कराने के लिए कदम उठाए थे। लेकिन आप को पता है कि आपको क्या फायदा मिला है। कमेटी भी बनी कमेटी ने बिल्डर और बायर्स के साथ बातचीत भी की कोई निष्कर्ष शून्य रहा।
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हर संडे होता है प्रदर्शन
Noida News: सबके बीच एक और नई प्रजाति भी पैदा हो गई है धरना प्रदर्शन करने वाली प्रजाति। यानी संडे के दिन जब लोगों की छुट्टी होती है तो वह आराम नहीं करते बल्कि धरना प्रदर्शन करते हैं। जिन लोगों को फ्लैट मिल चुके हैं वह घटिया सामग्री, झड़ते प्लास्टर, अधूरी सुविधाओं को पूरा कराने के लिए बिल्डरों के खिलाफ धरना देते हैं। जिनको नहीं मिले हैं वह फ्लैट लेने के लिए धरना करते हैं। देखिए क्या समय आ गया है पैसे का पैसा चला गया और हक नहीं मिल पाया हक के लिए उन्हें अपनी चैन की नींद गवानी पड़ रही है।