Noida News: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से संचालित कार्यक्रम गृह आधारित नवजात देखभाल (एचबीएनसी) को अब विस्तार रूप दिया गया है। इस कार्यक्रम को होम बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड (एचबीवाईसी) नाम दिया गया है।
इसके तहत अब 15 माह तक के बच्चों की देखभाल की जाएगी। इसके लिए मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद यह मास्टर ट्रेनर्स आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करेंगे।
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रदेश में सामुदायिक स्तर पर प्रसवोपरान्त मां एवं नवजात शिशु की देखभाल के लिए गृह आधारित नवजात देखभाल (एचबीएनसी) कार्यक्रम चलाया जा रहा था, जिसमें आशा कार्यकर्ता 42 दिन तक छह-सात बार गृह भ्रमण कर नवजात शिशुओं एवं धात्री माताओं के स्वास्थ्य की घरेलू, देखभाल कर स्वस्थ एवं सुरक्षित रखने की व्यवस्था करती थीं।
गृह भ्रमण के इस कार्यक्रम को विस्तार देते हुए बाल्यकाल में होने वाली मृत्यु, बीमारियों जैसे- निमोनिया, डायरिया इत्यादि एवं कुपोषण से बचाव करते हुए उनका शारीरिक, सामाजिक एवं संज्ञानात्मक विकास सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य एवं पोषण व्यवहारों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके तहत शिशुओं की आयु तीन,छह, नौ, 12 एवं 15 माह की होने पर आशा कार्यकर्ता अतिरिक्त गृह भ्रमण करेंगी। इस दौरान आशा कार्यकर्ता बच्चे का वजन, बुखार, शरीर में दाने, शरीर में ऐंठन, झटके या दौरे आना, ठंडा बुखार या हाइपोथर्मिया, सुस्त रहना, सांस तेज या धीरे चलना, बच्चे का ठीक से दूध न पी पाना, जन्मजात विकृति आदि के बारे में जांच करेंगी। आवश्यकता पड़ने पर बच्चे को स्वास्थ्य केन्द्र लेकर जाएंगी। साथ ही खतरे के लक्षणों के बारे में मां व परिवार के सदस्यों को जागरूक करेंगी।
तैयार किए जा रहे मास्टर ट्रेनर
जिला कार्यक्रम प्रबंधक मनजीत कुमार ने बताया कि होम बेस्ड केयर फॉर यंग चाइल्ड कार्यक्रम के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किएजा रहे हैं। मास्टर ट्रेनर का चार दिन का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। ब्लॉक लेवल पर तैयार किये जा रहे मास्टर ट्रेनर अपने क्षेत्र की आशा कार्यकतार्ओं को प्रशिक्षित करेंगे। प्रथम चरण में ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी व सामाजिक संस्था के प्रतिनिधि को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इन सभी को प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. साजिद, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी दनकौर आलोक सिंह, जिम्स के सत्येन्द्र चौहान व सामाजिक संस्था की प्रतिनिधि रेनू प्रशिक्षण दे रही हैं।
मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण देने वाले सत्येन्द्र चौहान ने बताया कि पहले एचबीएनसी कार्यक्रम के तहत पहले, तीसरे, सातवें, 14वें, 21वें, 28वें व 42वें दिन पर आशा कार्यकर्ता मां व शिशु की देखभाल के लिए गृह भ्रमण करती थीं। अब आशा कार्यकर्ता तीन माह, छह माह, नौ माह, 12 माह और 15 माह तक बच्चे की देखभाल के लिए अतिरिक्त गृह भ्रमण करेंगी।
बच्चे के स्वास्थ्य से लेकर ग्रोथ की होगी विशेष निगरानी
मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे दादरी ब्लॉक के ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर सुनील कुमार ने बताया कि उन्हें प्रशिक्षण के दौरान 15 माह तक बच्चे की देखभाल के बारे में बताया गया। पूर्व में चल रहे एचबीएनसी कार्यक्रम को विस्तार रूप दिया गया है। पहले आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण कर नवजात शिशु की 42 दिन तक स्वास्थ्य देखभाल करती थीं अब वह 15 माह तक बच्चे की देखभाल करेंगी और मां व परिवार के सदस्यों को बच्चे की बीमारी, पोषण, टीकाकरण के लिए जागरूक करेंगी और उनकी ग्रोथ मॉनिटरिंग करेंगी।
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