Noida News: गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय (जीबीयू) में रविवार को दूसरा दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विभिन्न पाठ्यक्रमों के आठ मेधावी भारतीय विद्यार्थियों को डिग्री और चांसलर मेडल से सम्मानित किया। पांच विदेशी विद्यार्थियों को भी एमफील और पीएचडी की डिग्री प्रदान की।
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दीक्षांत समारोह मुख्यमंत्री और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में शुरू हुआ। इस दौरान वर्ष 2016 से 2023 बेच तक के करीब सात हजार 914 विद्यार्थियों को विद्या वाचस्पति, स्नातकोत्तर और स्नातक की डिग्री दी गई। इनमें से 282 विद्यार्थियों को डॉक्टरेट की उपाधियां प्रदान की गई। समारोह को लेकर विद्यार्थी काफी उत्साहित दिखे। समारोह में भारत समेत दुनियाभर के दस से अधिक देशों के विद्यार्थी और शोधार्थी शामिल हुए। कई देशों से संन्यासी और साध्वी विद्यार्थी भी दीक्षांत समारोह में पहुंचे।
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दीक्षांत समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुये कहा कि मेरे लिये वो एक सुखद दिन था, जब मुझसे कहा गया कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आपसे बात करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में नाम हासिल किया है। योगी आदित्यनाथ आज पर्सन ऑफ एक्शन के प्रतीक बन चुके हैं। हम सब जानते हैं कि यूपी में पहले क्या हालात थे। कानून व्यवस्था और विकास की दृष्टि से ये प्रदेश सबकी चिंता का विषय था। मगर आज यूपी देश ही नहीं दुनिया में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर रोल मॉडल बन चुका है। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक वकालत के पेशे में रहने के कारण उनका उद्योग जगत से गहरा नाता रहा है और उन्हें ये बात कहने में खुशी होती है कि यूपी आज प्रिमियम कैटेगरी के उद्योगों के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन बन चुका है।
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उप राष्ट्रपति जी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि दीक्षांत समारोह में वो जो कहना चाहते थे उसे मुख्यमंत्री ने उनसे भी बेहतर ढंग से कहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का भाषण किसी राजनीतिक व्यक्ति का नहीं बल्कि एक धर्मवेत्ता, एक स्टेट्समैन, एक शिक्षाविद और दूरदृष्टा व्यक्ति का भाषण था। उप राष्ट्रपति ने मुख्यमंत्री के भाषणों को केवल भाषण नहीं बल्कि सीएम योगी के वर्तमान कार्यकलापों की झलक बताया। उन्होंने कहा कि एग्जाम्पल हमेशा स्टेटमेंट से बेहतर होता है। मुख्यमंत्री का भाषण वर्तमान में उनके शासनकाल में दिखता है। योगी आदित्यनाथ आज पर्सन ऑफ एक्शन के प्रतीक बन चुके हैं। आप सभी को इनसे प्रेरणा लेनी चाहिए। उप राष्ट्रपति ने गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय को नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालयों के स्तर तक पहुंचाने के लिए मुख्यमंत्री से मांग भी की साथ ही ये विश्वास भी जताया कि उनकी मांग को मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शत-प्रतिशत पूरा किया जाएगा।
उन्होंने विद्यार्थियों से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, क्वांटम कम्प्यूटिंग में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और कहा कि आने वाले समय में भारत तकनीकी का हब बनने जा रहा है। उप राष्ट्रपति ने कॉर्पोरेट सेक्टर से देश के शिक्षण संस्थाओं में निवेश के लिए कहा। उन्होंने कहा कि डिफेंस प्रोडक्शन के मामले में उत्तर प्रदेश बड़ा हब बनने की राह पर है। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को नए संसद भवन आने का निमंत्रण भी दिया। साथ ही उपाधि प्राप्त करने वाले विद्याथियों से आह्वान किया कि वे नेशन फर्स्ट की भावना के साथ अपनी जिंदगी में आगे बढ़ें।
मुख्यमंत्री/कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ जी ने अपने उद्बोधन में उप राष्ट्रपति द्वारा खराब मौसम के बावजूद सड़क मार्ग से समय से पहले ही समारोह में पहुंचने को युवाओं के लिए प्रेरणादायी बताया। उन्होंने उप राष्ट्रपति को शून्य से शिखर की आदर्श प्रतिमूर्ति बताया। वहीं उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध की शिक्षाएं हमें बुद्धि और विवेक से धर्म का आचरण करते हुए टीम भावना के लिए प्रेरित करती हैं।
मुख्यमंत्री ने उपाधि प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालय के सभी छात्र/छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल और मंगलमय भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नामकरण भगवान गौतम बुद्ध के नाम पर हुआ है। बुद्ध के जीवन में हमें बहुत सी विशेषताएं देखने को मिलती हैं।
उन्होंने जीवन के जिन रहस्यों को उद्घाटित किया था, वो हर मनुष्य के इर्द-गिर्द घटती हैं। बुद्ध ने हमें सिखाया है कि हमें समस्याओं को स्वीकारना आना चाहिए। जैसे ही हम समस्या को स्वीकार करते हैं तो उसके समाधान का रास्ता भी तलाशना होता है। अक्सर होता ये है कि हम समस्या को ही स्वीकार नहीं करते। हमारी विफलता का रहस्य समस्या से मुंह मोड़ने में ही छिपा है। उन्होंने कहा कि बुद्ध का जीवन ना सिर्फ प्रेरणादायी है, बल्कि देश और दुनिया को नई राह दिखाने वाला भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीक्षांत उपदेश भारत की गुरुकल परंपरा से आई है, जिसमें एक गुरु शिक्षा के उपरांत अपने शिष्य को उपदेश देता है कि तुमने जो भी ज्ञान प्राप्त किया है, उसका सार यही है कि सत्य बोलो और धर्म के मार्ग पर चलो। बुद्ध भी कहते हैं कि धर्म की शरण में जाओ। धर्म पूजा पद्धति नहीं है, बल्कि सदाचार, नैतिक मूल्य और कर्तव्य का समन्वित रूप है। ये हर देश, काल, परिस्थिति में समान रहता है। उपासना पद्धति देश, काल और परिस्थितियों के अनुसार बदलती रहती है। मगर धर्म शाश्वत व्यवस्था है। बुद्ध ने अपने प्रत्येक अनुयायियों को बुद्ध यानी बुद्धि-विवेक की शरण में जाने के लिए कहा है। इसके अलावा उन्होंने संघ की शरण यानी टीम भावना के साथ कार्य करने के लिए कहा है। विश्वविद्यालय हो, उद्योग जगत हो या परिवार, टीम वर्क हमेशा परिणाम देता है। वही टीम परिणाम देती है जो वन लीडरशिप में कार्य करती है। बुद्ध का उपदेश मानवता के कल्याण का मार्ग खोलती है।
370 विदेशी छात्रों को मिली डिग्री
समारोह में वियतनाम, म्यांमार, लाओस, कंबोडिया, कोरिया, चीन, ताइवान, यमन, यूएसए, कनाडा, सुरीनाम, श्रीलंका, अफगानिस्तान, भूटान, मंगोलिया समेत विभिन्न देशों के करीब 370 विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर और स्नातक की डिग्री प्रदान की गई। इसके अलावा 30 शोधार्थियों को डॉक्टरेट की उपाधियां दी गई। विदेशी छात्रों का जीबीयू में बौध अध्ययन में एमफिल पाठ्यक्रम की ओर ज्यादा रुझान रहा। इस कोर्स के 152 विदेशी छात्रों को उपाधियां दी गईं।
इन भारतीय विद्यार्थियों को मिला चांसलर मेडल
– शिवम कसाना, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, 2016 बैच
– सोनल अग्रवाल, स्कूल ऑफ इंफॉरमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नॉलेजी 2017
– मनोज कुमार, स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, 2018
– ज्योति चपराना, स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज, 2019
– प्रकाश पांडेय, स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज, 2020
– अपूर्वा शर्मा, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, 2021
– आदित्य शर्मा, स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज, 2022
– पायल भाटी, स्कूल ऑफ वोकेशनल स्टडीज, 2023
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