Noida Authority News: सेक्टर-115 स्थित सीवेज पंपिंग स्टेशन में शनिवार रात को सीवेज टैंक में उतरे दो श्रमिकों की मौत हो गई। दोनों सफाई कर रहे थे। ठेकेदारों को काफी बार समझाया जा चुका है कि बिना सेफ्टी के किसी भी श्रमिकों को ऐसे काम में न लगाया जाए। इस बार नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डा लोकेश एम ने चेतावनी दी है। बिना सेफ्टी के श्रमिकों को न उतारा जाए। जीएम बताए दो श्रमिकों की जान कैसे गई। हालांकि आरोपी ठेकेदार गिरफ्तार हो चुके है।
बताया जा रहा है कि जहरीली गैस के संपर्क में आने पर वे बेहोश होकर टैंक में गिर गए। पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज करके आरोपी ठेकेदार पुष्पेंद्र कुमार सिंह निवासी सेक्टर-41 और अजीत निवासी लडपुरा छतारी बुलंदशहर को गिरफ्तार कर लिया है।
यह पंपिंग स्टेशन सेक्टर 115 में नोएडा प्राधिकरण का है। जल विभाग ने इसका काम ठेकेदार को सौंपा है। पुलिस ने बताया कि अलीगढ़ के मऊआखेड़ा निवासी बृजेश कुमार ने शिकायत दर्ज कराई है कि शनिवार को उनके भाई खुशाल (24) और ताऊ का बेटा विकास (26) ठेकेदार अजीत और पुष्पेंद्र के कहने पर सेक्टर-115 में सीवर लाइन सफाई के लिए गए थे।
उन्होंने कहा कि कुछ समय बाद अमित नाम के व्यक्ति की कॉल आई कि खुशाल और विकास की सीवर में डूबने से मौत हो गई है। बृजेश का आरोप है कि ठेकेदारों दोनों को कोई सुरक्षा उपकरण नहीं दिया था। ठेकेदार की लापरवाही के कारण दोनों की मौत हुई है। पंचनामा के बाद पुलिस ने शव परिजनों को सौंप दिया जिसे लेकर वे अपने गृह जनपद चले गए।
जल विभाग के जीएम को पर लगाए झूठ बोलने के आरोप
इस सीवेज पंपिंग स्टेशन पर सेक्टर-116, 112, 113, सोहरखा का सीवर आता है। इसे पंपिंग स्टेशन के जरिये सेक्टर-123 एसटीपी भेजा जाता है। ऐसे में सुरक्षा उपकरण न होने के गंभीर आरोप से प्राधिकरण के जल विभाग की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है। जल विभाग के जीएम आरपी सिंह का दावा है कि सुरक्षा उपकरण व मानकों का पालन किया गया था। हालांकि अधिकारियों के इस दावे को मृतकों के परिवार झूठ करार दे रहे हैं।
जीएम ने यह भी दावा किया कि मृतकों के परिवारों को 6-6 लाख रुपये का मुआवजा, अंतिम संस्कार के लिए 50-50 हजार रुपये दिलवाए गए हैं। एक मृतक की पत्नी को प्राधिकरण में संविदा पर नौकरी देने पर भी रजामंदी हुई है।

