Noida News। अखिल भारत हिन्दू महासभा और अखिल भारतीय प्रवासी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुन्ना कुमार शर्मा ने बताया कि 17 नवंबर कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व शुरू होगा। 18 नवम्बर कार्तिक शुक्ल पंचमी को खरना(लोहन्डा),19 नवंबर कार्तिक शुक्ल षष्ठी को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य और 20 नवम्बर कार्तिक शुक्ल सप्तमी को उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान किया जायेगा।
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20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद होगा समापन
नहाय-खाय के दिन 17 नवंबर को छठव्रती एवं श्रद्धालु सुबह के समय सर्वप्रथम अपने घरों और आस-पास की सफाई करेंगे। स्नान करके छठव्रती चावल, चना दाल और लौकी की शब्जी का प्रसाद बनाएंगें। 18 नवंबर को प्रात: उठकर छठव्रती और श्रद्धालु घर और आस-पास की सफाई करेंगे। इसी के साथ छठव्रतियों का 36 घण्टे का निर्जला उपवास व्रत शुरू हो जायेगा।
19 नवम्बर को दिन में छठव्रतियों द्वारा गेहूं का आटा, घी और शक्कर का ठेकुआ तथा चावल, घी और शक्कर का लड्डू प्रसाद के लिए बनाया जायेगा। सभी उपस्थित श्रद्धालु भगवान भास्कर को जल द्वारा अर्घ्य प्रदान करेंगे।भगवान सूर्य को अर्घ्य सूर्यास्त से पूर्व दिया जायेगा। सायंकाल कई छठ घाटों के निकट सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मुख्य रूप से छठ माता के गीतों और लोकगीतों की धूम रहेगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में लाखों की संख्या में लोग सम्मिलित होते हैं। 20 नवंबर को प्रात:काल उगते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा।