Noida News: आमतौर पर साले और जीजा का रिश्ता काफी अहम माना जाता है, और दोनों रिश्ते में काफी नजदीकी होती है। लेकिन यहां तो ठीक उलट है देखने को मिल रहा है। लेनदेन के विवाद को लेकर जीजा बार-बार साले पर तरह तरह से दबाव बना रहा है। मामला हाल ही में राजस्थान पुलिस द्वारा उठाकर ले जाए गए अजय यादव का है। पुलिस ने भी थाने से ही अजय यादव को सभी तथ्य जानने के बाद छोड़ दिया।
दरसअल अजय की बहन प्रीति और जीजा मुकेश यादव के बीच मनमुटाव चल रहा है। बहन को हक दिलाने को भाई अजय कोशिश कर रहे है। यही कारण है कि जीजा साले पर अनैतिक रुप से दबाव बनाना चहाता है। अजय यादव के भाई अमित यादव बताते हैं कि 2019 में उनके जीजा मुकेश यादव की भाभी प्रियंका ने गुरुग्राम के थाना सिविल लाइंस में 7 करोड रुपए के चेक के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन जब पुलिस ने जांच पड़ताल की तो मामला पूरी तरह फर्जी पाया गया। इसके बाद एफआईआर क्लोज कर दी गई। जब यहां बात नहीं बनी तो प्रियंका के पति विशाल ने जयपुर के थाना अशोकनगर में एक और रिपोर्ट दर्ज करा दी।
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इसमें भी 7 करोड रुपए के चेक के लेनदेन के आरोप लगाए गए। यह सब आरोप अजय यादव के साथ लेनदेन के लगाए जा रहे थे। जयपुर में भी पुलिस ने जांच पड़ताल की और मुकदमा अपराध संख्या 257-19 में एफआर लगा दी गई। इसके बाद इसी मामले में तीसरी शिकायत थाना सेक्टर 49 नोएडा में की गई। यहां भी 7 करोड रुपए के चेक से लेनदन और गबन के आरोप लगाए गए। यहां पुलिस ने लेन-देन पर नहीं बल्कि गनर के मामले में अजय यादव पर कार्रवाई की। हालांकि कुछ दिन बाद जब गनर से संबंधित सभी कागजात उपलब्ध कराए गए तो पुलिस बैकफुट पर नजर आई। यहां दर्ज हुई रिपोर्ट पर भी पुलिस को फटकार झेलनी पड़ी। ओबीसी आयोग ने मामले को गलत पाया। फिलहाल एंटी करप्शन में भी इस मामले को लेकर जांच चल रही है।
अमित यादव बताते हैं कि 2 फरवरी 2023 को दिल्ली में आपसी सहमति पर समझौता हुआ। उनकी बहन प्रीति को 7 करोड रुपए लेन-देन में आगे किया गया। अजय यादव की बहन प्रीति को उसके जीजा मुकेश यादव ने चेक दे दिए। अब इन चेकों के माध्यम से प्रीति और अजय रुपए ना मांगे, इसी को लेकर दबाव बनाने की एक और रणनीति तैयार कर ली गई। जयपुर के थाना चामू में अजय यादव के खिलाफ फिर से पुराने आधारों पर ही रिपोर्ट दर्ज कराई गई। रिपोर्ट दर्ज होने के कई महीने तक अजय को खबर नहीं हुई और जब समय रुपये लेने का आया, तब पुलिस से सांठगांठ कर नोएडा से अजय को उठवा लिया गया
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हालांकि इस मामले में नोएडा की सेक्टर 24 पुलिस को अपहरण की तहरीर दी गई। जिसके बाद पुलिस ने ही कई टीमें बनाई और पता लगाया कि अजय को राजस्थान पुलिस उठाकर ले गई है। पुलिस ने जब पूरा मामला जाना तो अजय यादव को थाने से ही छोड़ दिया। कुल मिलाकर कहा जाएं तो अजय अपनी बहन प्रीति को उसका हक दिलाने की लड़ाई लड़ रहे है जो कि उसके जीजा और परिवार वालो को नागुजार है। इसलिण् अजय को ही टारगेट किया जाता है।