Noida News: । सेक्टर 21ए स्थित नोएडा स्टेडियम में डीसीपी हरीश चंद्र और एडीसीपी मनीष कुमार मिश्रा ने 13वें महाकौथिग मेले का उदघाटन किया। मेले में उत्तराखंड के संस्कृति की झलक दिखाई दी। इस वर्ष मेले का थीम उतराखंड के उत्तरकाशी में स्थित विश्वनाथ चौक काशी विश्वनाथ मंदिर पर रहा। पर्वतीय सांस्कृतिक संस्था की ओर से महाकौथिग मेले का आयोजन पिछले 13 वर्ष को किया जा रहा है।
यह भी पढ़े : Greater Noida: जीएल बजाज की टीम बनी चैंपियन: बच्चों ने आंध्र प्रदेश में बिखेरा जलवा
मेले में पहले दिन सुबह स्टेडियम परिसर में ही नंदा देवी की डोला यात्रा निकाली गई। इसके बाद उत्तराखंड के कलाकारों ने सांस्कृतिक नृत्य झोड़ा, थड़िया, चौफला, तांदी और थपेली की प्रस्तुति दी। नेवली और बाजूबंद के साथ अन्य सांस्कृतिक गायक दर्शकों को खूब आकर्षित किया। वहीं, लोक गायक सौरभ मैठानी, लोक गायिक मुकेश शर्मा, इंदर आर्य, दीपा नगरकोटी और मृणाल रतूड़ी कलाकारों ने प्रस्तुति दी। इसके बाद शाम 7.45 बने शिव स्तुति के महाआरती हुई। इसमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य संयोजक राजेन्द्र चौहान, स्वरकोकिला कल्पना चौहान, अध्यक्ष आदित्य घिल्डियाल, संयोजिका इंदिरा चौधरी, वरिष्ट उपाध्यक्ष हरीश असवाल, महासचिव लक्ष्मण रावत मौजूद रहे।
यह भी पढ़े : विवेकानंद नगर में 100 झुग्गियों पर चला बुलडोजर
महाकौथिग मेले में उत्तराखंड के पहाड़ी उत्पादों के करीब 100 स्टॉल लगे हैं। इनमें उत्तराखंड के व्यंजन, दाल, अनाज, पहाड़ी मिठाई, कपड़े आदि सामाग्री उपलब्ध हैं। इसी के साथ खाने के शौकीन लोगों के लिए मेले में 50 से अधिक स्टॉल लगाए जाएंगे। इन स्टॉलों पर उत्तराखंड के 50 से अधिक प्रकार के व्यंजन हैं। पर्वतीय सास्कृतिक संस्था की मीडिया प्रभारी रजनी डौंडियाल ने बताया कि व्यंजन में मंड़वे की रोटी, झंगुरे की खीर, अरसा, चैसोणी, कंडाली का साग, बाल मिठाई समेत अन्य उत्तराखंड के प्रमुख खाने पीने के सामान उपलब्ध होगा। इसके अलावा मंडवे की रोटी, झंगरे की खीर और कंडाली का साग का स्वाद लोगो को खूब लुभाएगा।