Noida News: तीन वर्षों में 835 करोड़ के 51 लाख चालान लंबित, सिर्फ 10% लोगों ने किया भुगतान

Noida News:

Noida News: नोएडा: जिले में यातायात पुलिस चालान की राशि वसूलने में नाकाम साबित हो रही है और नए चालान काटने के रिकॉर्ड बनाने में अधिक ध्यान दे रही है। इसका प्रमाण लंबित चालानों की संख्या और उनके भुगतान से जुड़े आंकड़ों से साफ झलकता है।

Noida News:

नोएडा में पिछले तीन वर्षों (2022-2024) के दौरान 56.55 लाख वाहन चालकों के चालान काटे गए, लेकिन इनमें से सिर्फ 10% यानी 5.04 लाख चालानों का ही भुगतान हुआ। इस समय करीब 51.51 लाख चालान लंबित हैं, जिनकी कुल राशि 835 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।

तीन साल में चालानों की संख्या और भुगतान का हाल

वर्ष काटे गए चालान भुगतान किए गए चालान लंबित चालान वसूल की गई राशि राजस्व में नुकसान
2022 6,49,491 1,90,341 4,59,150 11.27 करोड़ 92.33 करोड़
2023 22,13,706 2,35,392 19,78,314 13.71 करोड़ 276.37 करोड़
2024 27,92,329 78,330 27,13,999 6.92 करोड़ 467.13 करोड़
कुल 56,55,526 5,04,063 51,51,463 31.91 करोड़ 835.51 करोड़

चालानों का रिकॉर्ड बना लेकिन वसूली न के बराबर

  • 2022 में 6.49 लाख चालान काटे गए थे, जिनमें से केवल 1.90 लाख चालानों का ही निस्तारण हुआ
  • 2023 में चालानों की संख्या तीन गुना बढ़कर 22.13 लाख हो गई, लेकिन भुगतान करने वालों की संख्या महज 2.35 लाख रही।
  • 2024 में ट्रैफिक पुलिस ने अपने ही रिकॉर्ड तोड़ दिए और 27.92 लाख चालान काटे, लेकिन सिर्फ 78,330 चालानों का ही निस्तारण हो सका।

दोपहिया वाहनों पर सबसे ज्यादा चालान, कई गाड़ियों पर 100 से ज्यादा चालान लंबित

  • नोएडा में दोपहिया वाहन चालकों के सबसे अधिक चालान लंबित हैं
  • कई वाहनों पर 50 से ज्यादा चालान लंबित हैं, जबकि कुछ गाड़ियों पर तो 100 से अधिक चालान दर्ज हैं।
  • समय-समय पर लोक अदालतों में कुछ चालानों का निपटारा जरूर किया जाता है, लेकिन उसके बावजूद लंबित चालानों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

राजस्व में भारी नुकसान, 2024 में अब तक का सबसे ज्यादा घाटा

  • 2022 में 92.33 करोड़ का नुकसान हुआ था।
  • 2023 में यह बढ़कर 276.37 करोड़ तक पहुंच गया।
  • 2024 में रिकॉर्ड 467.13 करोड़ रुपये के चालान लंबित रह गए
  • इस दौरान केवल 6.92 करोड़ रुपये के चालान ही भरे गए

सरकार और पुलिस के लिए बड़ी चुनौती

यातायात पुलिस द्वारा चालान काटने की प्रक्रिया तो तेजी से की जा रही है, लेकिन उनका भुगतान कराने की प्रभावी व्यवस्था नहीं होने से सरकार को राजस्व का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। अगर जल्द ही कोई सख्त नीति नहीं बनाई गई, तो यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

Noida News:

यहां से शेयर करें