Noida News: आमतौर पर कोई भी प्राधिकरण ठेकेदार कंपनियों का पेमेंट इसलिए रोकती हैं कि काम सही नहीं हुआ या फिर कहीं कुछ कमी छोड़ दी गई है, लेकिन सेक्टर 28 से सेक्टर 60 के बीच बने एलिवेटेड रोड की अनुमानित लागत से ज्यादा पेमेंट के दावे को आर्बिट्रेटर ने खारिज कर दिया। अब प्राधिकरण को ठेकेदार कंपनी को 36 करोड रुपए अतिरिक्त चुकाने होंगे।
Noida News: इस मामले में हाईकोर्ट की ओर से नियुक्त किए गए आर्बिट्रेटर का फैसला आने के बाद नोएडा प्राधिकरण जिला जज के सामने अपील करेगा। यदि मामले पर नजर डाली जाए तो एलिवेटेड रोड बनाने के दौरान प्रोजेक्ट कॉस्ट बढ़ गई। शुरुआत में यह कॉस्ट 415 करोड़ थी लेकिन जब प्रोजेक्ट में देरी हुई तो यह 468 करोड रुपए हो गई। इसी बात को लेकर कंपनी ने पहले डेढ़ करोड़ रुपए का क्लेम किया। लेकिन मामला जब आर्बिट्रेशन में पहुंचा दो कंपनी ने प्रोजेक्ट में देरी पर बजट बढ़ाने को लेकर अधिक धन का दावा कर दिया। यह दावा 36 करोड़ तक चला गया। प्राधिकरण ने भुगतान रोक लिया था और कहा था कि कंपनी को पहले से ही ज्यादा पेमेंट हो चुकी है। इस मामले में प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ जांच भी चल रही है।
यह भी पढ़े:Greater Noida News: साफाई में लापरवाही करने वालो पर जुर्माना
Noida News: उस दौरान प्रोजेक्ट इंजीनियर एससी मिश्रा पर आरोप लगे थे। इसका खुलासा सीएजी ऑडिट रिपोर्ट में हुआ था। ऑडिट में बताया गया था कि एलिवेटेड रोड के निर्माण के दौरान कुछ लागत से अधिक पेमेंट हुआ है। इसी बीच कंपनी आर्बिट्रेशन में चली गई और हाईकोर्ट ने इस मामले में आर्बिट्रेटर नियुक्त कर दिया। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज पीकेएस बघेल को आर्बिट्रेटर बनाया गया। सुलह समझौते से समाधान की कोशिश हो गई। बताया जा रहा है कि पीडब्ल्यूडी के 10 सीसी और 10 सीके क्लोज को लगाने पर विवाद हुआ था। इसको लगाने और नहीं लगाने पर सुनवाई हुई। इस मामले में आर्बिट्रेटर ने प्राधिकरण पर इस क्लोज को लगाने पर आपत्ति की और प्राधिकरण को पैसे के भुगतान का आदेश दे दिया। कंपनी की ओर से 480000000 रूपये मांगे गए थे लेकिन आर्बिट्रेटर ने उसको भी स्वीकार नहीं किया।